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    UP News: यूपी में अब पेट्रोल पंप खोलना हुआ आसान, योगी सरकार ने मानकों में क‍िया बदलाव

    यूपी में अब 400 वर्गमीटर के भूखंड पर बनाए जाने वाले पेट्रोल फिलिंग स्टेशन के अंदर-बाहर आने-जाने के लिए नौ मीटर चौड़ाई का रास्ता रखने की अनिवार्यता नहीं होगी। इसके लिए भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2008 में संशोधन किया गया है। पहले पेट्रोल पंप के लिए 500 वर्ग मीटर (30 मीटर गुणा 17 मीटर) से अधिक क्षेत्रफल का भूखंड होने की अनिवार्यता थी।

    By Ajay Jaiswal Edited By: Vinay Saxena Updated: Tue, 15 Oct 2024 11:00 AM (IST)
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    उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ।- फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सड़क किनारे भूमि की घटती उपलब्धता के मद्देनजर राज्य सरकार ने पेट्रोल पंप खोलने के लिए न्यूनतम जमीन के मानकों में बदलाव किया है। अब 400 वर्गमीटर के भूखंड पर बनाए जाने वाले पेट्रोल फिलिंग स्टेशन के अंदर-बाहर आने-जाने के लिए नौ मीटर चौड़ाई का रास्ता रखने की अनिवार्यता नहीं होगी। इसके लिए भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2008 में संशोधन किया गया है।

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    उपविधि में संशोधन संबंधी आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा सोमवार को जारी शासनादेश के तहत अब अगर 20 मीटर गुणा 20 मीटर क्षेत्रफल का भूखंड है तो पेट्रोल पंप संचालित हो सकता है। पहले पेट्रोल पंप के लिए 500 वर्ग मीटर (30 मीटर गुणा 17 मीटर) से अधिक क्षेत्रफल का भूखंड होने की अनिवार्यता थी।

    उपविधि को संशोधित करते हुए पेट्रोल फिलिंग स्टेशन के अंदर जाने व निकलने के मानक में भी अब बदलाव किया गया है। पहले जहां न्यूनतम नौ मीटर चौड़ाई की शर्त थी वहीं अब 7.5 मीटर चौड़ाई रखी जा सकेगी। इसी तरह बफर स्ट्रिप की लंबाई अब न्यूनत 12 मीटर के बजाय पांच मीटर रखी जा सकेगी। चौड़ाई पहले की तरह तीन मीटर ही रखनी होगी।

    गौरतलब है कि पेट्रोल पंप के लिए लोक निर्माण विभाग ने इंडियन रोड कांग्रेस के अनुसार मानक तय करते हुए शासनादेश जारी कर रखा है। उस शासनादेश में 400 वर्गमीटर का क्षेत्रफल ही पेट्रोल पंप के लिए तय किया गया था लेकिन उपविधि में संशोधन न होने से दिक्कत हो रही थी।

    किसानों को आलू के बीज पर मिलेगी 500 रुपये प्रति क्विंटल की छूट

    आलू उत्पादक किसानों के लिए बीज की विक्रय दरें निर्धारित कर दी गई हैं। प्रदेश सरकार ने विभिन्न श्रेणियों की विक्रय दर पर 500 रुपये प्रति क्विंटल की छूट देने का निर्णय लिया है। उद्यान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि राजकीय आलू बीज की उपलब्धता को सुगम बनाए जाने के उद्देश्य से विभागीय दरों में कमी की गई है।

    किसानों को नकद मूल्य पर आलू बीज कराया जा रहा उपलब्‍ध

    उद्यान मंत्री ने बताया कि उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा प्रदेश के किसानों को नकद मूल्य पर आलू बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। विभाग के स्तर से तय की गई दरों पर किसान जिला उद्यान अधिकारी से बीज प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 6.96 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की बुआई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके लिए लगभग 24-25 लाख टन आलू बीज की आवश्यकता होगी। इस वर्ष उद्यान विभाग 40-45 हजार क्विंटल बीज किसानों के बीच वितरित करेगा।

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