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    UP News: अयोध्या में अब नहीं तोड़े जाएंगे पुराने मंदिर, रामनगरी में प्रस्तावित फ्लाईओवर निर्माण का प्रस्ताव निरस्त; ये है पूरा मामला

    Updated: Thu, 13 Jun 2024 06:00 AM (IST)

    अयोध्या में आवास विकास परिषद की नई योजनाओं के लिए अब पुराने मंदिरों को नहीं तोड़ा जाएगा। मंदिर स्थलों को भी योजना में समायोजित किया जाएगा। इतना ही नहीं आवास विकास परिषद ने अयोध्या में 264.26 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले फ्लाई ओवर का प्रस्ताव भी निरस्त कर दिया है। एनएचएआइ ने फ्लाईओवर के निर्माण का प्रस्ताव आवास विकास परिषद को सर्वे के बाद भेज दिया था।

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    अयोध्या में अब नहीं तोड़े जाएंगे पुराने मंदिर, रामनगरी में प्रस्तावित फ्लाईओवर निर्माण का प्रस्ताव निरस्त

     जागरण संवाददाता, लखनऊ। अयोध्या में आवास विकास परिषद की नई योजनाओं के लिए अब पुराने मंदिरों को नहीं तोड़ा जाएगा। मंदिर स्थलों को भी योजना में समायोजित किया जाएगा। इतना ही नहीं, आवास विकास परिषद ने अयोध्या में 264.26 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले फ्लाई ओवर का प्रस्ताव भी निरस्त कर दिया है।

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    छह किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर बनाने का निर्णय लिया था

    अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण की अध्यक्षता में बुधवार को आवास विकास परिषद की बोर्ड बैठक में कई निर्णय लिए गए। उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद ने 31 मई, 2023 की बैठक में गोरखपुर-अयोध्या मार्ग पर करीब छह किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर बनाने का निर्णय लिया था।

    तीन सड़क पर अंडरपास बनाने की स्वीकृति

    एनएचएआइ ने फ्लाईओवर के निर्माण का प्रस्ताव आवास विकास परिषद को सर्वे के बाद भेज दिया था। सर्वे के बाद परिषद ने वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति भी प्रदान कर दी थी। एनएचएआइ ने 264.26 करोड़ रुपये फ्लाईओवर निर्माण के लिए आवास विकास परिषद से मांगे थे। आवास विकास परिषद ने अब इस प्रस्ताव को निरस्त करते हुए अपनी योजना की तीन सड़क पर अंडरपास बनाने की स्वीकृति प्रदान की है।

    इस योजना में कई पुराने मंदिर भी आ रहे हैं

    इसी तरह अयोध्या में शाहनवाजपुर माझा, शाहनवाजपुर उपहार, कुढ़ा केशवपुर माझा और कुढ़ा केशवपुर उपहार गांव की कुल 176.5941 हेक्टेयर भूमि आवास विकास परिषद अपनी योजना के लिए अधिग्रहीत करेगा। इस योजना में कई पुराने मंदिर भी आ रहे हैं। इन मंदिरों को स्वीकृत सड़क के लेआउट में समायोजित किया जाएगा। इसके बाद भी सड़क या अन्य सेवाओं के एलाइनमेंट में कोई मंदिर आएंगे तो उनको विशेष परिस्थितियों में ही विस्थापित किया जाएगा।