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    UP News: अब आम-केला व टमाटर की फसलों का भी बीमा करा सकेंगे किसान, 31 दिसंबर तक पंजीकरण का मौका

    By Vrinda SrivastavaEdited By:
    Updated: Thu, 27 Oct 2022 07:37 PM (IST)

    फसल बीमा योजनाओं की जानकारी के लिए किसान टोल-फ्री नंबर 1800-889-6868 पर काल कर समाधान पा सकते हैं। फसलों का बीमा जरूर कराएं। चाहे फसली ऋण ले रखा है या ...और पढ़ें

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    अब आम-केला व टमाटर की फसलों का भी बीमा करा सकेंगे किसान।

    सीतापुर, संवाद सूत्र। प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना में किसानों के फसलों को कवर किया जा रहा है। ताकि किसी प्राकृतिक आपदा में उनकी फसलों की क्षतिपूर्ति दिलाई जा सके। इस मामले में शासन से निर्देश भी जारी किए जा चुके हैं। कहा गया है कि रबी की फसलों के साथ ही केला, टमाटर और आम की भी फसल का बीमा बग किया जाएगा। आम की फसलों के बीमा के लिए बागवानों को 15 दिसंबर तक मौका दिया गया है।

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    इसी तरह टमाटर की खेती करने वाले किसान अपनी फसल का बीमा 30 नवंबर तक करा सकेंगे। केला की फसल का बीमा 30 जून तक किया जाएगा। निर्देश जारी हुए हैं कि वह किसान जो फसली ऋण ले रखे हैं या लेंगे, उन्हें यदि बीमा नहीं कराना है तो बीमा के लिए निर्धारित अंतिम तारीख 31 दिसंबर से सात दिन पहले अपनी बैंक शाखा में प्रबंधक को प्रार्थना पत्र देना होगा, अन्यथा फसली ऋण के आधार पर उनकी फसल बीमा के लिए प्रीमियम की कटौती कर ली जाएगी।

    किसान यह भी समझें नियम : फसल की मध्य अवस्था तक ग्राम पंचायत में 50 प्रतिशत से अधिक उपज में क्षति होने पर किसानों को संभावित क्षतिपूर्ति के अधिकतम 25 प्रतिशत तक आंशिक क्षतिपूर्ति तत्काल दी जाती है। इस धनराशि को मौसम के अंत तक फसल कटाई प्रयोगों के आधार पर आकलित कुल क्षतिपूर्ति की धनराशि में समायोजित किया जाता है। क्षतिपूर्ति देय होने पर बीमा कंपनी किसानों के बैंक खाते में बीमा की राशि जमा करती है।

    घुमाएं फोन पाएं समाधान : फसल बीमा योजनाओं की जानकारी के लिए किसान टोल-फ्री नंबर 1800-889-6868 पर काल कर समाधान पा सकते हैं।

    फसलों में यह जोखिम भी बीमा में कवर

    • फसलों की बोआई व असफल बोआई की स्थिति।
    • खड़ी फसल की बोआई से कटाई की अवधि में प्राकृतिक आपदाओं, रोगों, कृमियों से क्षति।
    • फसल कटाई के उपरांत अगले 14 दिनों की अवधि तक खेत में कटी हुई फसल को बेमौसम वर्षा से क्षति।
    • खड़ी फसलों को स्थानिक आपदाओं-ओला, जल भराव, भू-स्खलन से क्षति।
    • खड़ी फसल की मध्य अवस्था तक प्रतिकूल मौसमीय परिस्थितियों से उपज में 50 प्रतिशत से अधिक क्षति।

    फसलों के बीमा की अवधि

    • रबी की फसल - 31 दिसंबर
    • केला की फसल - 30 जून
    • टमाटर की फसल- 30 नंवबर
    • आम की फसल - 15 दिसंबर

    किसान अपनी फसलों का बीमा जरूर कराएं। उन्होंने चाहे फसली ऋण ले रखा है या नहीं, उन्हें किसी भी आपदा में फसलों की क्षति होने पर नुकसान का मुआवजा मिल सके, इसलिए फसलों का बीमा जरूरी है। रबी फसलों के बीमा के लिए तारीखें भी निश्चित हो गई हैं। वह अपनी बैंक शाखा के माध्यम से भी फसल का बीमा करा सकते हैं। कृषि बीज भंडरों पर भी आवेदन कर सकते हैं। - श्रवण कुमार सिंह, उप कृषि निदेशक