UP में मेरिट से तैनात होंगे CMO-CMS, नहीं होगी वरिष्ठ चिकित्सकों की उपेक्षा
स्वास्थ्य विभाग ने वरिष्ठ डॉक्टर्स का 360 डिग्री पर मूल्यांकन किया। अब इलाज व योजनाओं में सफलता के आधार पर कई मानकों की कसौटी होगी।
लखनऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कल स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के बाद से आज से परिवर्तन का संकेत मिलने लगा है। अब विभाग में वरिष्ठ चिकित्सकों की उपेक्षा नहीं होगी। स्वास्थ्य विभाग ने वरिष्ठ डॉक्टर्स का 360 डिग्री पर मूल्यांकन किया। अब इलाज व योजनाओं में सफलता के आधार पर कई मानकों की कसौटी होगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और सरकारी अस्पतालों के मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों की तैनाती में अब न तो डॉक्टर्स की सिफारिश चलेगी और न ही केवल वरिष्ठता के आधार पर इन पदों तक पहुंचने का आसान रास्ता उन्हें मिल पाएगा। राज्य सरकार ने पहली बार इन पदों पर तैनाती के मानक तय करते हुए 360 डिग्री मूल्यांकन की व्यवस्था की है। इसके मुताबिक सीएमओ और सीएमएस बनने के लिए इलाज से लेकर सरकारी योजनाओं तक में कम से कम 70 फीसद सफलता का रिकार्ड जरूरी होगा।
स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह का दावा है कि बीते वर्ष करीब सौ वरिष्ठ डॉक्टरों का इंटरव्यू कर राज्य के आधे जिलों में सीएमओ बदले गए थे, जबकि इस बार सिर्फ मेरिट से सीएमओ-सीएमएस की तैनाती की जाएगी। इसके लिए प्रदेश के 174 जिला महिला व पुरुष तथा संयुक्त अस्पतालों में डॉक्टरों के पास आने वाले मरीजों की संख्या से लेकर इलाज से सफलता तक को रिकॉर्ड किया जा रहा है। जिलों में टीकाकरण से लेकर टीबी नियंत्रण, संचारी रोग अभियान व अन्य योजनाओं के संचालन में लगे एसीएमओ व स्वास्थ्य उप निदेशक जैसे अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की सफलता को भी दर्ज किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री बताते हैैं कि किसी जिले में संचालित हो रही दस योजनाओं में से यदि एक योजना में बेहतर काम हो रहा है तो यह देखा गया है कि वह योजना किस अधिकारी द्वारा संचालित की जा रही है। ऐसे अधिकारियों को ही सीएमओ पद के लिए चिह्नित किया गया है। मंत्री के मुताबिक पहले सीएमओ व सीएमएस की तैनाती के लिए शासन में जहां सिफारिशों का अंबार लगता था, वहीं इस साल उनके पास सीएमएस के लिए दो और सीएमओ के लिए केवल एक सिफारिश आई है।
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