अब यूपी में यूं ही नहीं गरजेगा बुलडोजर, अवैध निर्माण ढहाने से पहले देना होगा 15 दिन का नोटिस; वजह भी बतानी पड़ेगी
उत्तर प्रदेश में अब अवैध निर्माण हटाने से पहले संबंधित विभाग को 15 दिन पूर्व नोटिस देना अनिवार्य होगा। विभाग को स्पष्ट करना होगा कि कितना निर्माण अवैध है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने आठ विभागों को इस संबंध में आदेश भेजे हैं । सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं ।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अवैध निर्माण ढहाने या फिर अतिक्रमण हटाने से पहले अब संबंधित विभाग को 15 दिन पहले प्रभावित लोगों को नोटिस देना होगा। विभागों को कारण स्पष्ट करने के साथ यह बताना होगा कि उनका कितना निर्माण अवैध है। इसके बाद कानूनी व्यवस्था के आधार पर यह कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस संबंध में अतिक्रमण ढहाने वाले आठ विभागों को आदेश भेज दिए हैं। गृह विभाग की ओर से भेजे गए इस आदेश में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा राजेंद्र कुमार बड़जात्या और अन्य बनाम उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद व राजीव गुप्ता मामले में पारित आदेशों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव की ओर से विभागों को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने अवैध निर्माण गिराने के मामले में नियमों का पालन कड़ाई से करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ध्वस्तीकरण संबंधी सभी कार्रवाई नियमों के अनुकूल ही की जाती रही हैं। मुख्य सचिव के आदेश के बाद अब आवास विभाग ने भी सभी प्राधिकरणों को इसका कड़ाई से पालन करने के लिए कहा है।
प्रशासन ने हटवाया तालाब की भूमि से अतिक्रमण
वहीं इकौना (श्रावस्ती) में बौद्ध परिपथ पर इकौना तहसील के निकट तालाब की भूमि पर अतिक्रमण को प्रशासन ने पुलिस बल की मौजूदगी में हटवा दिया। प्रशासन की कार्रवाई से अतिक्रमणकारियों में बेचैनी है।बौद्ध परिपथ पर इकौना तहसील के बगल तालाब स्थित है।
सड़क किनारे तालाब की भूमि पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कर्बला की भूमि के नाम पर अस्थाई निर्माण करके अतिक्रमण कर लिया था। अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत बुधवार की सुबह प्रशासन ने पुलिस बल की मौजूदगी में तालाब की भूमि पर किए गए अतिक्रमण को बुलडोजर से हटवा दिया।
इस दौरान सीओ सतीश कुमार, प्रभारी निरीक्षक अश्विनी कुमार दूबे व नवीन मार्डन श्रावस्ती थाने की पुलिस टीम भी मौजूद रही। प्रशासन की कार्रवाई से नगर में तालाब की जमीन पर कब्जेदारों में बेचैनी बढ़ गई है। मोहर्रम कमेटी के पदाधिकारी हनीफ चौधरी ने प्रशासन की कार्रवाई पर आपत्ति जताई।
एसडीएम ओमप्रकाश ने बताया कि तालाब और सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की छूट किसी को नहीं है। कुछ लोगों की ओर से हाईवे के किनारे तालाब की जमीन पर अस्थाई निर्माण कर अतिक्रमण कर लिया गया था। इसे पुलिस बल की मौजूदगी में हटाया गया है।
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