UP News: पूर्व मुख्य सचिव को जारी 10 करोड़ रुपये का नोटिस सरकार ने किया निरस्त
सरकार ने पूर्व मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को जारी 10 करोड़ रुपये की वसूली का नोटिस रद्द कर दिया है। कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। यह नोटिस खाद्य एवं प्रसंस्करण नीति-2023 के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के चलते जारी किया गया था, क्योंकि पूर्व मुख्य सचिव यूपीडास्प के अध्यक्ष थे। एसएलईसी की अगली बैठक में इस मामले पर विचार होगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पूर्व मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को जारी किए गए 10 करोड़ रुपये की वसूली के नोटिस को शासन ने निरस्त कर दिया है। इस संदर्भ में कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार ने उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अपर मुख्य सचिव बीएल मीणा को लिखित आदेश जारी किया है।
उन्होंने आदेश में स्पष्ट किया है कि चार अक्टूबर को अपर मुख्य सचिव द्वारा 10 करोड़ रुपये की वसूली संबंधी आदेश को संबंधित मामले की समीक्षा के उपरांत तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है। एसएलईसी (राज्य स्तरीय एंपावर्ड कमेटी) की अगली बैठक में इस प्रकरण पर विचार किया जाएगा।
गौरतलब है कि खाद्य एवं प्रसंस्करण नीति-2023 के क्रिन्यावयन में दिशा निर्देशों की अनदेखी के आरोप में अपर मुख्य सचिव द्वारा यूपीडास्प (उत्तर प्रदेश विविध कृषि सहायता परियोजना) के तकनीकी समन्वयक शैलेन्द्र प्रताप सिंह को भेजे गए नोटिस में कहा गया था कि पूर्व मुख्य सचिव से 10 करोड़ रुपये की वसूली कर संबंधित राशि सरकारी खजाने में जमा कराई जाए।
चूंकि पूर्व मुख्य सचिव यूपीडास्प के अध्यक्ष भी थे, इसलिए यूपीडास्प ने उन्हें नोटिस जारी किया था। यह नोटिस चार कंपनियों को राज्य की फसलों के सेटेलाइट सर्वेक्षण का कार्य दिए जाने में कथित तौर पर बरती गई अनियमितता के मामले में जारी किया गया था।
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