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    ED ने उन्नति फारच्यून की 100.06 करोड़ की और संपत्तियां की जब्त, नोएडा में निवेशकों को फ्लैट देने का झांसा देकर ठगी का मामला

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 07:56 PM (IST)

    लखनऊ नोएडा में फ्लैट देने के बहाने निवेशकों से ठगी करने के मामले में ईडी ने उन्नति फारच्यून होल्डिंग लिमिटेड की 100.06 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। कंपनी ने निवेशकों से 522.90 करोड़ रुपये जुटाए लेकिन फ्लैट नहीं दिए। निवेशकों ने 2019 में मुकदमे दर्ज कराए थे जिसके बाद ईडी ने जांच शुरू की। आरोपी अनिल मिठास पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं।

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    ईडी ने उन्नति फारच्यून की 100.06 करोड़ की और संपत्तियां की जब्त।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने निवेशकों को नोएडा में फ्लैट देने का झांसा देकर करोड़ों रुपये हड़पने के मामले में उन्नति फारच्यून होल्डिंंग लिमिटेड (यूएफएचएल) कंपनी की 100.06 करोड़ रुपये की और संपत्तियां जब्त की हैं। ईडी मामले में अब तक 126 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त कर चुका है। यूएचएफएल के संचालक अनिल मिठास को पूर्व में गिरफ्तार भी किया जा चुका है। जांच में सामने आया कि बिल्डर अनिल मिठास ने निवेशकों से ठगी गई रकम से 126 करोड़ रुपये से अधिक धन संपत्तियों में निवेश किया था। ईडी गाजियाबाद स्थित विशेष कोर्ट में अनिल मिठास के विरुद्ध आरोपपत्र भी दाखिल कर चुका है। आगे की छानबीन की जा रही है।

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    उन्नति फारच्यून होल्डिंंग लिमिटेड ने नोएडा में फ्लैट उपलब्ध कराने के नाम पर निवेश कराया था। आरोप है कि आवासीय परियोजना के लिए निवेशकों से 522.90 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। निवेशकों से रकम लेने के बाद उन्हें फ्लैट नहीं दिए गए। कई निवेशकों से बुकिंग के लाखों रुपये लेने के बाद उन्हें आवंटित फ्लैटों को दूसरे निवेशकों को बेच दिया गया था। मामले में निवेशकों ने वर्ष 2019 में गाजियाबाद में कंपनी के निदेशक अनिल मिठास, मधु मिठास व अन्य के विरुद्ध मुकदमे दर्ज कराए थे।

    ईडी ने उन्हें आधार बनाकर अपना केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। जांच में सामने आया था कि अनिल मिठास ने वर्ष 2011 से 2019 के मध्य निवेशकों की रकम को विभिन्न सहयोगी संस्थाओं व शेल कंपनियों के माध्यम से डायवर्ट किया और उनसे दिल्ली, नोएडा, लखनऊ व अन्य स्थानों पर कीमती संपत्तियां खरीदी गईं। शेयर बाजार में भी बड़ा निवेश किया गया। बाद में रुपयों की कमी के कारण कंपनी की परियोजना लटक गई और निवेशकों की रकम डूब गई। ईडी ने मामले में आरोपितों के दिल्ली, नोएडा व मेरठ स्थित ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। इस दौरान संपत्तियां से जुड़े कई दस्तावेज कब्जे में लिए गए थे।

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