मेडिकल कॉलेजों में 80 फीसद उपस्थिति बाध्यकारी नहीं
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि भारतीय चिकित्सा परिषद छात्रों की 80 फीसद उपस्थिति बाध्यकारी नहीं निर्देशात्मक है। विशेष स्थिति में छूट दी जा सकती है।
इलाहाबाद (जेएनएन)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि भारतीय चिकित्सा परिषद के छात्रों की 80 फीसदी उपस्थिति बाध्यकारी नहीं है, यह निर्देशात्मक मात्र है। विशेष स्थिति में उन्हें छूट दी जा सकती है। कोर्ट ने महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज झांसी को याची को मातृत्व अवकाश पर जाने से कक्षा में उपस्थिति की कमी के बावजूद फीस जमाकर परीक्षा में बैठने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार से छह सप्ताह में जवाब भी मांगा है।
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यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल तथा न्यायमूर्ति मुख्तार अहमद की खंडपीठ ने डॉ. आबरीन अख्तर की याचिका पर दिया है। राज्य सरकार के अधिवक्ता बीपी कछवाह ने पक्ष रखा। याची मेडिकल कॉलेज में एनेस्थीसियोलॉजी डिप्लोमा कोर्स की छात्रा है। गर्भवती होने के कारण प्रथम वर्ष में 63.93 फीसद व द्वितीय वर्ष में 94.64 फीसदी उपस्थिति रही। एमसीआइ ने प्रतिवर्ष 80 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य किया है। इसके चलते याची की फीस जमा नहीं की गई और उसे 15 जून से होने वाली परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया, जिसे चुनौती दी गई है। याची का कहना है कि मातृत्व अवकाश स्वीकृत है, ऐसे में वह विशेष स्थिति में 80 फीसदी उपस्थिति में छूट पाने की हकदार है। कोर्ट ने याची को फीस जमा कर परीक्षा में बैठने का निर्देश दिया है।
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