अब परिषदीय स्कूलों में ₹20 का नोट पहचानने वाला बच्चा कहलाएगा ‘निपुण’, इस मिशन के तहत हुई पहल
अब परिषदीय स्कूलों में बच्चों की गणित और भाषा की समझ केवल किताबों तक सीमित नहीं रहेगी। निपुण भारत मिशन के तहत, यदि कक्षा एक का बच्चा 20 रुपये त ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अब परिषदीय स्कूलों में बच्चों की गणित और भाषा की समझ सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहेगी। अगर कक्षा एक का बच्चा 20 रुपये तक के नोट और सिक्के पहचान लेता है, तो उसे गणित में ‘निपुण’ माना जाएगा। निपुण भारत मिशन के तहत शिक्षा को रोजमर्रा के जीवन से जोड़ने की यह नई पहल बच्चों की सीख को सरल, रोचक और व्यावहारिक बनाने पर केंद्रित है।
किया जा रहा ये आकलन
मिशन के अनुसार बाल वाटिका से लेकर कक्षा दो तक बच्चों की बुनियादी भाषायी और गणितीय दक्षताओं का आकलन किया जा रहा है। कक्षा एक में 20 रुपये तक और कक्षा दो में 100 रुपये तक के नोट व सिक्कों की पहचान और उनके जरिये सरल लेनदेन कर पाना निपुणता का मानक तय किया गया है।
शिक्षकों का कहना है कि इससे बच्चों को गिनती, जोड़-घटाव और भाषा को वास्तविक जीवन से जोड़कर समझने में मदद मिल रही है। पिछले वर्ष अक्टूबर से दिसंबर के बीच हुए स्पाट आकलन के विश्लेषण में सामने आया कि प्रदेश के 80 प्रतिशत छात्र-छात्राएं औसत स्तर पर निपुण हैं। ऐसे विद्यालयों की संख्या 21,125 है।

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