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    यूपी में अब हर बच्चे की पढ़ाई पर होगी डिजिटल नजर! निपुण ऐप से शिक्षक हर हफ्ते करेंगे मूल्यांकन

    Updated: Mon, 30 Jun 2025 02:08 PM (IST)

    लखनऊ के परिषदीय स्कूलों में शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए निपुण ऐप को अपग्रेड किया गया है। शिक्षकों को हर हफ्ते कम से कम पांच बच्चों का मूल्यांकन ऐप के माध्यम से करना होगा। कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के लिए विषयवार प्रश्न बैंक बनाया गया है। ऐप रविवार और छुट्टियों पर बंद रहेगा। राज्य परियोजना निदेशक ने ऐप का उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।

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    हर शिक्षक ऐप के जरिये अपनी कक्षा में बच्चों का करेंगे मूल्यांकन।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। परिषदीय स्कूलों में बच्चों के सीखने के स्तर को बेहतर करने के लिए अब एक नया डिजिटल तरीका तैयार किया गया है। राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा की ओर से निपुण ऐप को अपग्रेड कर दिया गया है।

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    अब हर शिक्षक को अपनी कक्षा के हर हफ्ते कम से कम पांच बच्चों का मूल्यांकन निपुण ऐप के जरिये करना होगा। इससे शिक्षकों, अभिभावकों और शैक्षिक अधिकारियों को बच्चों के पढ़ाई के स्तर की रियल टाइम जानकारी मिल सकेगी।

    मूल्यांकन के लिए कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के लिए विषयवार प्रश्न बैंक बनाया गया है, जिसमें बच्चों की समझ और सीखने की क्षमता को आंकने के लिए प्रश्न शामिल हैं। ऐप में शिक्षक, पर्यवेक्षक और मास्टर ट्रेनर शामिल किए गए हैं।

    इसमें हर बच्चे के लिए अलग-अलग रेंडम आधार पर प्रश्न पूछे जाएंगे और उसके प्रदर्शन के आधार पर तुरंत सहयोग भी किया जाएगा। शिक्षकों को ऐप पर 25 सप्ताह की शिक्षण योजना के मुताबिक मूल्यांकन करना होगा। वहीं, एआरपी, डायट मेंटर्स और स्टेट रिसोर्स ग्रुप को 10 से 30 स्कूलों में सहयोगात्मक पर्यवेक्षण करना होगा। इन निरीक्षणों के दौरान कक्षा एक और दो के 40 फीसदी, कक्षा तीन से पांच के 30 फीसदी और कक्षा छह और आठ के 20 फीसदी बच्चों का मूल्यांकन किया जाएगा।

    निपुण ऐप रविवार और छुट्टियों पर बंद रहेगा और एक बार दो विद्यालयों का मूल्यांकन होने के बाद लाक हो जाएगा। पर्यवेक्षण के बाद शिक्षकों को जरूरी फीडबैक और रिमेडियल प्लान देना भी अनिवार्य किया गया है। ऐप का डाटा बेसिक शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारियों की बैठकों में समीक्षा का आधार बनेगा।

    स्कूल खुलने के साथ ही राज्य परियोजना निदेशक कंचन वर्मा ने सभी बीएसए और प्राचार्यों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने स्तर से सभी संबंधितों को ऐप का इस्तेमाल सुनिश्चित कराएं। ऐप का यूजर मैनुअल भी जारी कर दिया गया है।