ATS के निशाने पर आतंकी डॉक्टरों की 'बी-टीम' भी, डॉ. शाहीन और अदील को पड़ताल के लिए यूपी लेकर आ सकती है एनआईए
दिल्ली में बम धमाके के बाद डॉक्टरों का आतंकी माड्यूल सामने आने के बाद आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की नजर उनकी 'बी-टीम' पर भी है। यानी इन डॉक्टरों के अधिक संपर्क में रहे युवकों व मददगारों को भी चिन्हित कर उनकी गतिविधियों की सिलसिलेवार पड़ताल की जा रही है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। दिल्ली में बम धमाके के बाद डॉक्टरों का आतंकी माड्यूल सामने आने के बाद आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की नजर उनकी 'बी-टीम' पर भी है। यानी इन डॉक्टरों के अधिक संपर्क में रहे युवकों व मददगारों को भी चिन्हित कर उनकी गतिविधियों की सिलसिलेवार पड़ताल की जा रही है। माना जा रहा है कि इस मॉड्यूल ने कई ऐसे कट्टरपंथियों को भी जोड़ा था, जो मौका पड़ने पर उनके इशारे पर कोई भी मदद कर सकें।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने डॉ. मुजम्मिल, डॉ.शाहीन, डॉ.अदील व मुफ्ती इरफान अहमद को अपने कस्टडी में लिया है। माना जा रहा है कि एनआइए की टीमें जल्द डॉ.शहीन व डॉ.अदील को उत्तर प्रदेश लाकर भी छानबीन करेंगी। दिल्ली धमाके में इनकी भूमिका सामने आने के बाद इनके सहयोगी नेटवर्क को लेकर भी पड़ताल तेज की गई है।
जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन वाले पोस्टर लगाने के मामले में सहारनपुर से पकड़े गए जम्मू-कश्मीर निवासी डॉ.अदील अहमद, उसके सहयोगी डॉ.मुजम्मिल व डॉ.शाहीन के अलावा लखनऊ निवासी डॉ.परवेज के मोबाइल की काल डिटेल के आधार पर लगभग 400 संदिग्धों के बारे में लखनऊ, कानपुर, सहारनपुर के अलावा प्रयागराज, वाराणसी, संभल, पीलीभीत समेत अन्य शहरों में छानबीन की जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि एटीएस सभी संदिग्धों के बैंक खातों का भी ब्योरा खंगाला रहा है। संदिग्ध लेनदेने व किसी अप्रत्याशित खर्च पर जांच एजेंसी की निगाह है। जिन नंबरों पर अधिक बातचीत हुई है, उन संदिग्धों की काल डिटेल के अाधार पर उनके अधिक संपर्क में रहे लोगों को भी सूचीबद्ध किया जा रहा है। ताकि इनके आपसी कनेक्शनों के जरिए पूरे नेटवर्क से जुड़े लोगों तक पहुंचा जा सके। एटीएस खासकर डॉ.शाहीन व डॉ.अदील के संपर्क में रहे लोगों के बारे में पड़ताल करने में जुटा है।
डॉ. अदील ने सहारनपुर में रहकर अपने नेटवर्क को बढ़ाया था। यह भी आशंका है कि डॉ.शाहीन के लखनऊ निवासी छोटे भाई डॉ. परवेज ने इसमें सबसे अहम भूमिका अदा की थी। अगस्त माह में डॉ.शाहीन दो दिनों के लिए खास मकसद से लखनऊ आई थी। आतंकियों का यह माड्यूल उत्तर प्रदेश को केंद्र में रखकर अपनी गतिविधियों को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहा था।
आइएम के फरार आतंकी शादाब बेग का भी अल-फलाह कनेक्शन
आतंकी माड्यूल की छानबीन के दौरान यह भी सामने आया है कि इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) का आतंकी आजमगढ़ निवासी शादाब बेग ने फरीदाबाद स्थित अल फलाह स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी से बीटेक किया था। 19 सितंबर, 2008 को बटला हाउस मुठभेड़ के बाद से मिर्जा शादाब बेग फरार है। उसने इलेक्ट्रानिक्स व इंस्ट्रूमेंटेशन में बीटेक किया था।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार यह तथ्य सामने आने के बाद इस बात पर भी संदेह गहरा गया है कि अल फलाह युनिवर्सिटी से जुड़े रहे शैक्षणिक संस्थानों में आतंकी संगठनों का नेटवर्क पहले से रहा है। वर्ष 2008 में जयपुर में हुए सीरियल ब्लास्ट समेत अन्य आतंकी घटनाओं में शामिल रहा बेग आइएम के लिए विस्फोटक विशेषज्ञ के रूप में काम करता था। वर्ष 2007 के गोरखपुर
सीरियल बम धमाकों में बेग का नाम सामने आने के बाद
यूपी पुलिस ने उसकी संपत्तियां जब्त की थीं। बेग को आखिरी बार वर्ष 2019 में अफगानिस्तान में देखा गया था। जबकि फरीदाबाद से पकड़ा गया डॉ. मुजम्मिल के भी आतंकी प्रशिक्षण के लिए अफगानिस्तान जाने की बात सामने आई थी। संदेह है कि अफगानिस्तान में बैठे आतंकी कई माड्यूल को समर्थन कर रहे हैं।

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