1250 रुपये में मिल रही दस के नोट की नई गड्डी
बैंकों में टोटा, आरबीआइ के सामने दलाल बेंच रहे नई करेंसी
जागरण संवाददाता, लखनऊ। दस रुपये की नई गड्डी साढ़े बारह सौ, बीस रुपये की इक्कीस सौ और पचास रुपये की गड्डी 5200 रुपये में है। सुनकर आश्चर्य हो रहा होगा, मगर यह हकीकत है। सहालग के दौरान नए नोटों की डिमांड बढ़ते ही दलालों की मंडी भी फल फूल रही है। दलालों ने नए नोटों को लेकर रेट तय कर रखे हैं। वह भी भारतीय रिजर्व बैंक के सामने।
एक ओर नई करेंसी के लिए बैंक पहुंच रहे ग्राहकों को निराश होकर लौटना पड़ रहा, तो वहीं दूसरी ओर वहीं आरबीआइ के सामने दलालों के हाथों में हर वर्ग की नई करेंसी की भरमार है। शुक्रवार को गोमती नगर स्थित भारतीय रिजर्व बैंक के सामने कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जहां नए नोटों की जरूरत से पहुंच रहे लोगों को दलाल मोटे कमीशन पर नोट मुहैया कराते दिखे।
दलाल करते हैं स्कूटी का इस्तेमाल
भारतीय रिजर्व बैंक के ठीक सामने रोजाना दलालों की मंडी जानकारों सजती है। अधिकांश दलाल खुद को सुरक्षित रखने के मकसद से स्कूटी का इस्तेमाल करते हैं। दलाल पहले ग्राहक से उसकी जरूरत जानते हैं। उसके बाद स्कूटी में पहले से रखे नए नोटों को निकाल कर उसे थमाते हैं।
छापेमारी हो तो बरामद हो सकते हैं लाखों के नए नोट
सामान रखने के लिए अधिक जगह होने के कारण दलाल नोट रखने के लिए स्कूटी का इस्तेमाल कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि जांच एजेंसियां व पुलिस विभाग यदि छापेमारी करती है तो आरबीआइ के आस पास खड़े वाहनों से लाखों के नए नोट बरामद हो सकते हैं। नए नोटों की दलाली में महिलाएं भी शामिल हैं।
सवालों के घेरे में आरबीआइ स्टाफ
आरबीआइ के सामने खुले आम नए नोटों की हो रही दलाली में आरबीआइ स्टाफ की भूमिका भी सवालों के घेरे में हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के सामने भारतीय मुद्रा को मोटे कमीशन के साथ बेचा जाना इसी ओर इशारा कर रहा है। बेहद गंभीर बात है कि नई करेंसी को आरबीआइ कार्यालय के सामने ऐसे माहौल पर खुद आरबीआइ अफसर व क्षेत्रीय पुलिस ने आंख मूंद रही है।
क्लीन नोट पॉलिसी में लग रही सेंध
आरबीआइ की ओर से क्लीन नोट पॉलिसी के तहत प्रत्येक बैंक शाखा में कटे फटे नोट बदलने के सख्त निर्देश हैं। इसके लिए आरबीआइ ने भी अपने ग्राहकों के लिए कार्यालय में काउंटर की सुविधा दे रखी हैं। दलाल सुविधा में सेंध लगाकर नए नोट हासिल करते हैं।
बैंक ग्राहकों की पीड़ा
शुक्रवार को आरबीआइ में नई करेंसी लेने के लिए पहुंचे आजाद आलम व अभिषेक सिंह ने बताया कि आरबीआइ से नए नोट हासिल करने में उन्हें घंटों मशक्कत करनी पड़ी, जबकि दलालों का बराबर आना जाना लगा रहा।
आरबीआइ का कहना
आरबीआइ की प्रवक्ता अल्पना किल्लावाला ने बताया कि लोगों को यह समझने की जरूरत है कि उतनी ही कीमत की नकदी के लिए अधिक रकम क्यों खर्च कर रहे हैं। नई करेंसी के लिए सिर्फ बैंक शाखा व आरबीआइ से संपर्क करें। अगर आरबीआइ के बाहर नए नोटों को बड़े मुनाफे में बेचा जा रहा है तो क्षेत्रीय पुलिस मामले में कार्रवाई कर सकती है।
वहीं एसओ गोमती नगर अंबर सिंह ने कहा कि इस संबंध में यदि शिकायत मिलती है तो सख्त कार्रवाई होगी। हालांकि आरबीआइ के सामने यदि ऐसा हो रहा है तो आरबीआइ अधिकारियों को भी इस संबंध में कार्रवाई करनी चाहिए।

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