उत्तर प्रदेश में लेखपालों की कमी पूरी करने के लिए नई व्यवस्था, हर दो गांव के लिए एक पद पर होगी तैनाती
यूपी में लेखपालों की कमी को पूरा करने के लिए राजस्व परिषद ने अमीनों से लेखपालों का काम लेने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए अमीनों को प्रशिक्षण देकर लेखपालों के कार्य करने के लिए तैयार किया जाएगा। फिलहाल कागजों पर अमीनों के पद बने रहेंगे लेकिन काम लेखपालों का करेंगे। प्रदेश में 1.10 लाख गांव हैं इसलिए राजस्व परिषद को कम से कम 50 हजार लेखपाल चाहिए।
मनोज त्रिपाठी, लखनऊ। राजस्व परिषद ने लेखपाल की कमी को पूरा करने के लिए अमीनों से लेखपालों का काम लेने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए अमीनों को प्रशिक्षण देकर लेखपालों के कार्य करने के लिए तैयार किया जाएगा।
इसके बाद दो-दो गांव में एक-एक लेखपाल की तैनाती की जाएगी। राजस्व परिषद ने अमीन संघ के साथ बैठक करके अमीनों से इस व्यवस्था को लेकर चर्चा भी कर ली है। फिलहाल, कागजों पर अमीनों के पद बने रहेंगे, लेकिन काम लेखपालों का करेंगे।
केवल 23,000 लेखपाल ही तैनात
वर्तमान में लेखपालों के 30,800 पद स्वीकृत हैं। इसकी तुलना में केवल 23,000 लेखपाल ही तैनात हैं। प्रदेश में 1.10 लाख गांव हैं। नतीजतन गांवों की संख्या के हिसाब से राजस्व परिषद को कम से कम 50 हजार लेखपाल चाहिए।
इस कमी को पूरा करने के लिए अमीनों से लेखपाल का काम लेने का फार्मूला राजस्व परिषद ने निकाला है। प्रदेश भर में अमीनों के 9,049 में से 5000 पद ही भरे हैं, 4049 पदों को भरा जाना है। इसी प्रकार अनुसेवकों के 9,554 पदों में से 5000 हजार पद ही भरे हैं।
लेखपाल व अमीन दोनों ही पद महत्वपूर्ण
अभी एक लेखपाल के जिम्मे चार से पांच गांव हैं। राजस्व विभाग में लेखपाल व अमीन दोनों पद महत्वपूर्ण हैं। अंग्रेजों के समय में इन पदों को सृजित किया गया था। अब राजस्व परिषद विभागीय ढांचे के पुनर्गठन की तैयारी कर रहा है।
मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक
इस संदर्भ में बीते दिनों मुख्यमंत्री के साथ हुई विभाग की समीक्षा बैठक में रिक्त पदों को भरने की योजना पर मंथन किया गया था। राजस्व परिषद की तरफ से रिक्त पदों को जल्द भरने का प्रस्ताव शासन को दिया गया है। फिलहाल अमीनों के साथ एक-एक अनुसेवक की भी तैनाती की जाती है। इसलिए अमीन अपना पद छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।
अमीन संघ के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश कुमार शर्मा ने बताया कि बीते दिनों राजस्व परिषद प्रबंधन के साथ हुई बैठक में मंथन किया गया है। कई जिलों में वसूली का काम काफी कम रह गया है, इसलिए इन जिलों में अमीनों व अनुसेवकों से राजस्व परिषद द्वारा लेखपाल के या अन्य काम भी लिए जा सकेंगे।
इसके लिए विभाग की तरफ से तीन अमीनों व अनुसेवकों को तीन माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा। अगर परिषद यह व्यवस्था लागू करने में सफल हो जाता है तो लेखपालों की कमी पूरी की जा सकती है।
वहीं संघ के प्रांतीय प्रवक्ता सीके द्विवेदी ने कहा कि इस व्यवस्था को सफल बनाने के लिए तीन से छह माह का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। इसके लागू होने के बाद सरकार को वित्तीय लाभ भी होगा।
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