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    अयोध्या में ध्वजारोहण के साथ ही लक्ष्मण नगरी में मंदिरों के शिखर पर भी स्थापित हुईं नई ध्वजाएं

    Updated: Tue, 25 Nov 2025 02:45 PM (IST)

    अयोध्या में ध्वजारोहण के साथ ही लक्ष्मण नगरी में भी उल्लास छाया रहा। मंदिरों में पूजन के साथ शिखरों पर नई ध्वजाएं स्थापित की गईं। खदरा के नानक शाही उदासीन मठ में महंत धर्मेंद्र दास ने धर्म ध्वजा फहराई। मनकामेश्वर मंदिर में भी नई ध्वजा की स्थापना की गई। अन्य मंदिरों में भी कार्यक्रम आयोजित किए गए और चारबाग में सीधा प्रसारण दिखाया गया।

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    जागरण संवाददाता, लखनऊ। अयोध्या में ध्वजारोहण के साथ ही लक्ष्मण नगरी में भी उल्लास नजर आया। मंदिरों में पूजन के साथ शिखर पर नई ध्वजाओं को स्थापित किया गया। कई स्थानों पर बड़ी स्क्रीन पर अयोध्या से लाइव प्रसारण के साथ भंडारे का आयोजन हुआ।

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    खदरा के नानक शाही उदासीन मठ में महंत धर्मेंद्र दास ने विधि विधान से पूजन के साथ धर्म ध्वजा फहराई। उन्होंने कहा कि धर्म ध्वजा देश की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक चेतना का प्रतीक है। यह केवल एक वस्त्र का टुकड़ा नहीं है,यह भारतीय अस्मिता, आत्मसम्मान और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का सशक्त प्रतीक है।

    ध्वजा हमेशा से धर्म और सत्य की स्थापना का चिह्न रही है। इसी आधार पर अयोध्या में स्थापित धर्म ध्वजा भारतीय समाज को यह संदेश देती है कि धर्म की विजय शाश्वत है और सत्य का मार्ग कभी समाप्त नहीं होता।आयोजन में पार्षद अनुराग मिश्रा समेत कई श्रद्धालु शामिल हुए।

    मनकामेश्वर मंदिर में महंत देव्या गिरि ने विधि विधान से पूजन के साथ मंदिर के शिखर पर नई ध्वजा की स्थापना की। उन्होंने कहा कि यह ध्वजा सदियों के संघर्षों, आक्रांताओं के अत्याचारों और रामभक्तों की अदम्य आस्था का जीवंत प्रमाण है। वेदों और पुराणों में ध्वजा को विजय, धर्म और आत्मबल का प्रतीक माना गया है। रामायण में हनुमान जी द्वारा धारण किया गया ‘कपिध्वज’ केवल एक सेना संकेत नहीं था, बल्कि अच्छाई की ओर से बुराई को चुनौती देने का प्रतीक था।

    हनुमान सेतु मंदिर में आचार्य चंद्रकांत द्विवेदी ने पूजन के साथ नई ध्वज की स्थापना की। उन्होंने कहा हनुमान जी के मंदिर के ऊपर शिखर पर नई ध्वज की स्थापना की गई। श्रद्धालुओं ने भी जयकारे के साथ आयोजन में हिस्सा लिया। राजेंद्र नगर के महाकाल मंदिर में स्थापित श्री राम दरबार के शिखर पर ध्वजारोहण किया गया।

    संयोजक अतुल मिश्रा ने बताया कि अयोध्या में श्री राम मंदिर की स्थापना के दिन ही यहां भी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। सभी अनुष्ठान यहां भी किए गए। अलीगंज के नए व पुराने हनुमान मंदिर के अलावा आलमबाग के मौनी बाबा मंदिर, तुलसी मानस मंदिर, इंद्रेश्वर महादेव मंदिर, बुद्धेश्वर महादेव मंदिर व पंचमुखी हनुमान मंदिर समेत सभी मंदिरों में नई ध्वजा की स्थापना की गई।

    चारबाग में बड़ी स्क्रीन पर अयोध्या से ध्वजा रोहण रोहन का लाइव प्रसारण देखने के लिए स्क्रीन लगाई गई थी। स्क्रीन के बगल भंडारे में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।

    ध्वजा रोहण होते ही श्रद्धालुओं ने श्रीराम के जयकारे लगाए। वहीं गायत्री परिवार की आलमबाग इकाई की ओर से विजय नगर के टेक्निकल इंटर कालेज में 24 कुंडीय महायज्ञ का आयोजन किया गया। धर्म ध्वजा की स्थापना के समय पूरा पंडाल जयकारे से गुंजायमान हो उठा।