योगी कैबिनेट बैठक में पेश की जा सकती है नई आबकारी नीति, विभाग ने शासन को भेजा प्रस्ताव
उत्तर प्रदेश सरकार की आगामी कैबिनेट बैठक में नई आबकारी नीति पेश की जा सकती है। विभाग ने शासन को नई नीति भेज दी है। सूत्रों के अनुसार शराब व्यापारियों को राहत देने के लिए सरकार नई नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं करेगी और पुराने लाइसेंसों के नवीनीकरण को मंजूरी दे सकती है। बीते दिसंबर माह तक विभाग ने 3983.22 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की अगली कैबिनेट की बैठक में नई आबकारी नीति लाने की तैयारी की जा रही है। आबकारी विभाग ने नई नीति शासन को भेज दी है। विभागीय सूत्रों के अनुसार शराब व्यापारियों को राहत देने के लिए सरकार नई नीति में कोई बड़ा बदलाव करने की बजाय पुराने लाइसेंसों के नवीनीकरण करने को मंजूरी दे सकती है।
दिसंबर या जनवरी में पेश की जाती रही है आबकारी नीति
नए वित्तीय वर्ष के लिए सरकार दिसंबर या जनवरी माह में ही नई आबकारी नीति लाती रही है, लेकिन इस बार महाकुंभ की व्यस्तता के चलते अभी तक आबकारी नीति पेश नहीं की जा सकी है। जल्दबाजी में सरकार नई आबकारी नीति में कोई बड़ा बदलाव किए बिना ही पुराने लाइसेंसों के नवीनीकरण को मंजूरी दे सकती है। इसे लेकर शराब के फुटकर व्यापारी भी लाइसेंसों के नवीनीकरण की मांग प्रदेश स्तर पर कर रहे हैं।
पुरानी नीति में हो सकता है आंशिक संशोधन
सूत्रों के अनुसार आबकारी विभाग ने राजस्व बढ़ाने के लिए पुराने लाइसेंसों के नवीनीकरण की बजाय ई-टेंडरिंग की तैयारी की थी, लेकिन नीति लाने में देरी को लेकर उम्मीद की जा रही है कि इस बार पुरानी नीति को ही आंशिक संशोधन के साथ पेश किया जाएगा।
29 हजार शराब की फुटकर दुकानों को वितरित किए गए लाइसेंस
चालू वित्तीय वर्ष में उत्तर प्रदेश में आबकारी विभाग की तरफ से 29,000 शराब की फुटकर दुकानों के लाइसेंस वितरित किए गए हैं। इनमें 6,700 अंग्रेजी, 16,400 देशी तथा 5,900 बीयर की दुकानों के लाइसेंस शामिल हैं। सरकार ने आबकारी विभाग को 58,310 करोड़ रुपये राजस्व एकत्र करने का लक्ष्य दिया था, बीते दिसंबर माह तक विभाग ने 3983.22 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया है।
उत्तराखंड में शराब की कीमतों में हो सकती है बढ़ोतरी
यूपी के पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में अगले वित्तीय वर्ष से शराब की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। साथ ही आबकारी विभाग के लक्ष्य को पांच हजार करोड़ से अधिक रखा जा सकता है। इस समय आबकारी विभाग में अगले वित्तीय वर्ष के लिए नई नीति बनाने की तैयारी चल रही है। प्रस्तावित नीति में अवैध देशी शराब की बिक्री और अवैध रूप से बनाने पर कड़े दंड का प्रविधान किया जा रहा है। इसे अंतिम रूप देेने के लिए जल्द ही कैबिनेट के सम्मुख प्रस्तुत किया जाएगा।
आबकारी विभाग प्रदेश को सबसे अधिक राजस्व देने वाले विभागों में शामिल है। इस वित्तीय वर्ष में आबकारी विभाग का लक्ष्य 4439 करोड़ रुपये रखा गया है। अभी तक विभाग इसमें से 3900 करोड़ रुपये से अधिक वसूल चुका है।
नई नीति बनाने में जुटा आबकारी विभाग
विभाग वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक लक्ष्य को प्राप्त करने की उम्मीद कर रहा है। अब जल्द ही प्रदेश का नया बजट आने वाला है। इसे देखते हुए आबकारी विभाग नई आबकारी नीति बनाने में जुटा हुआ है। नई नीति में शराब की कीमतों में थोड़ी बढ़ोतरी प्रस्तावित है।
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