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    यूपी में अब ग्रीन कॉरिडोर किनारे बसेगा नया शहर, एलडीए नई टाउनशिप का भी तैयार कर रहा प्रस्ताव

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 06:15 PM (IST)

    लखनऊ विकास प्राधिकरण गोमती नदी के किनारे नया शहर बसाने की तैयारी में है। ग्रीन कॉरिडोर को गोमती नदी की सीमा मानकर महायोजना 2031 में संशोधन किया जा रहा ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, लखनऊ। राजधानी की जीवन रेखा कही जाने वाली गोमती नदी के किनारे ग्रीन कारिडोर का निर्माण पूरा होने को है। आइआइएम रोड को किसान पथ से जोड़ने वाला मार्ग अब और विशिष्ट होगा। निशातगंज व हनुमान सेतु के आसपास जिस तरह गोमती किनारे भवन, कांप्लेक्स आदि की भरमार है, उसी तरह अब जी-20 रोड से किसान पथ तक कारिडोर किनारे मानों एक नया शहर आकार लेगा।

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    लखनऊ महायोजना 2031 में गोमती तट पर बने पुराने बंधे का ही उल्लेख रहा है। इस बंधे से 200 मीटर तक किसी तरह का निर्माण न होने की बाधा रही है। बड़ी संख्या में लोगों ने घर या दुकान आदि का नक्शा स्वीकृत कराने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण की दौड़ लगाई थी, लेकिन, सभी को निराश होना पड़ा था।

    एलडीए ने किसी का नक्शा स्वीकृत नहीं किया था। अब ग्रीन कारिडोर को ही गोमती नदी की सीमा रेखा मानकर महायोजना 2031 में संशोधन किया जा रहा है, ऐसे में किसान पथ से लेकर शहीद पथ, सेना की जमीन व सुलतानपुर रोड के आसपास लगभग 10 किलोमीटर क्षेत्र में अब 200 मीटर के क्षेत्र में हर तरह के निर्माण आसानी से होंगे व एलडीए नक्शा भी पास करेगा।

    एलडीए ने गोमती किनारे पुलिस मुख्यालय के पास करीब 45 एकड़ भूमि खोजी थी। उस पर भी आवासीय योजना का प्रस्ताव इसीलिए आगे नहीं बढ़ पाया, क्योंकि 200 मीटर क्षेत्र में नक्शा न स्वीकृत करने का बैरियर रहा है। अब एलडीए जल्द ही गाजे-बाजे के साथ यहां आवासीय योजना लाएगा।

    संभव है कि पांच दिसंबर को होने वाली बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखे। गौरतलब है कि आइआइएम रोड से किसान पथ के बीच 57 किलोमीटर लंबे ग्रीन कारिडोर 15 दिसंबर को ही बनकर तैयार हो रहा है। प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन पी गुरुप्रसाद ने आदेश दिया है कि उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम 1973 की धारा 13 की उपधारा दो में दी गई शक्ति का प्रयोग करके ग्रीन कारिडोर को ही गोमती नदी की नई सीमा रेखा तय किया गया है।

    एलडीए के मुख्य नगर नियोजक केके गौतम ने बताया, गोमती बंधे की जगह ग्रीन कारिडोर पर शासन की मुहर लगने के बाद अब कारिडोर के किनारे आवास, कांप्लेक्स आदि के नक्शे पास हो सकेंगे और गगनचुंबी इमारतें भी खड़ी होंगी। हर तरह का निर्माण किया जा सकेगा।