UP Ambulance Service: 108-102 एंबुलेंस सेवा में जुड़ेंगी 640 नई गाड़ियां, यूपी में सुधरेगी व्यवस्था
उत्तर प्रदेश में 108 और 102 एंबुलेंस सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए 640 नई एंबुलेंस खरीदी जाएंगी। पुरानी एंबुलेंस को हटाकर नई एंबुलेंस शामिल की जाएंगी जिससे मरीजों को अस्पताल पहुंचाने का समय कम होगा। 108 सेवा का रिस्पांस टाइम 7 मिनट 6 सेकंड और 102 सेवा का 6 मिनट 21 सेकंड हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने सरकार को प्रस्ताव भेजा है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में 108-102 एंबुलेंस के बेड़े में 640 नई गाड़ियां जुड़ेंगी। सरकार को नई एंबुलेंस खरीदने का प्रस्ताव भेजा गया है। नई एंबुलेंस मिलने से वर्तमान में चल रही पुरानी जर्जर एंबुलेंस को सेवा से हटाया जाएगा। जिससे मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के समय में और सुधार आ सकेगा।
108 सेवा में वर्ष 2019 में 1488 एंबुलेंस का संचालन हो रहा था। ये संख्या अब बढ़कर 2200 हो चुकी है। इमरजेंसी मरीजों को घटनास्थल से लेकर सरकारी अस्पताल तक पहुंचाने का कार्य कर रही इस सेवा का रिस्पांस टाइम 15 मिनट से घटकर सात मिनट छह सेकेंड हो गया है।
इस सेवा से अब तक 36 करोड़ से अधिक मरीजों को लाभ पहुंचाया जा चुका है। इसी तरह गर्भवती, प्रसूताओं और एक वर्ष तक नवजात शिशुओं को चिकित्सीय सुविधाओं के लिए 102 सेवा की 2270 एंबुलेंस का संचालन किया जा रहा है।
सरकार अब 102-108 सेवा की 1224 पुरानी एंबुलेंस को हटाकर बेड़े में नई एंबुलेंस जोड़ चुकी है। नई एंबुलेंस के जुड़ने से 102 सेवा का रिस्पांस टाइम 20 मिनट से घटकर छह मिनट 21 सेकेंड हो गया है। सरकार इस रिस्पांस टाइम में और सुधार का प्रयास कर रही है।
स्वास्थ्य विभाग एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस (एएलएस) सेवा को भी लगातार सुधार रहा है। अति गंभीर मरीजों के लिए वेंटीलेटर, हार्ट अटैक के मरीजों की जान बचाने के लिए डिफेबुलेटर जैसे उपकरणों से लैस 150 एंबुलेंस प्रदेश भर में चलायी गई थी।
पहले इसका रिस्पांस टाइम जहां 30 मिनट था, वहीं अब ये घटकर छह मिनट 31 सेकेंड हो गया है। वर्तमान में 375 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस का संचालन प्रदेश में हो रहा है। इसे सेवा के माध्यम से 2019 से अब तक सात लाख बीस हजार से अधिक मरीजों को लाभ पहुंचाया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक रवि कुमार का कहना है कि सरकार को एंबुलेंस लेने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। अनुमति मिलने के बाद आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी। बीएलएस और एएलएस दोनों ही तरह की एंबुलेंस का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है।
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