यूपी में पहली बार मिले थे नेहरू और गांधी, मगर कहां पर? स्टेशन पर खड़े होकर ही 20 मिनट तक की थी बातचीत
लखनऊ में 1916 के कांग्रेस अधिवेशन के दौरान महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू पहली बार मिले। चारबाग स्टेशन पर हुई इस मुलाकात में उन्होंने श्रमिकों को विदेश भेजने की प्रथा को रोकने पर चर्चा की। स्टेशन पर एक शिलापट इस ऐतिहासिक घटना की याद दिलाता है। 1936 में नेहरू की अध्यक्षता में हुए एक और अधिवेशन में गांधी जी ने फिर लखनऊ का दौरा किया।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। यह वह दौर था जब देश को परातंत्र की बेड़ी से मुक्त कराने के लिए महात्मा गांधी आंदोलन को नई दिशा दे रहे थे, वहीं दूसरी ओर विदेशों में श्रमिक बनाकर भारतीयों को ले जाने की प्रथा को बंद करने के आह्वान की तैयारी कर रहे थे। ऐसे में लखनऊ में सन 1916 में जब कांग्रेस का अधिवेशन आयोजित किया गया, तब महात्मा गांधी भी ट्रेन से आए।
यहां पर इलाहाबाद से लखनऊ पहुंचे पंडित जवाहर लाल नेहरू से महात्मा गांधी की पहली मुलाकात हुई। चारबाग स्टेशन पर ही महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू ने श्रमिक बनाकर भारतीयों को विदेश ले जाने की प्रथा पर रोक लगाने का प्रस्ताव पारित करने पर करीब 20 मिनट मंथन किया। आज भी लखनऊ स्टेशन पर महात्मा गांधी और पंडित जवाहर लाल नेहरू की मुलाकात की गवाही देता शिलापट लगा हुआ है।
लखनऊ में 26 दिसंबर से 30 दिसंबर 1916 तक कांग्रेस का अधिवेशन आयोजित किया गया था। इस अधिवेशन में महात्मा गांधी ने भी हिस्सा लिया था। इसी अधिवेशन में श्रमिकों की भर्ती कर विदेश ले जाने की प्रथा को बंद करने का प्रस्ताव रखा गया था। पंडित जवाहर लाल नेहरू 26 दिसंबर 1916 को इलाहाबाद से ट्रेन से लखनऊ आए थे। इस समय तक चारबाग स्टेशन का निर्माण शुरू ही किया गया था।
ऐसे में रेलवे ने महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू के पहली बार मिलने के प्रतीक को संभालकर रखने के लिए स्टेशन के सामने ही उनकी शिलापट को संजोया है। यहीं से सटा हुआ गांधी उद्यान भी है। यहां लगे शिलापट के अनुसार मार्च-अप्रैल 1936 में जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस का अधिवेशन फिर लखनऊ में आयोजित किया गया था। इस अधिवेशन में हिस्सा लेने के लिए भी महात्मा गांधी यहां दूसरी बार आए थे।
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