NCRB के आंकड़ों ने यूपी को सोचने के लिए कर दिया मजबूर, महिलाओं से जुड़े अपराध में ये जिला पहले नंबर पर
लखनऊ में महिला अपराधों की स्थिति गंभीर है राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार लखनऊ इस मामले में पहले स्थान पर है। वर्ष 2023 में महिलाओं से जुड़े अपराधों के 2902 मामले दर्ज किए गए जिनमें से कई अभी भी जांच के अधीन हैं। साइबर अपराध और गर्भपात के मामलों में भी लखनऊ आगे है जिससे महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।

आयुष्मान पांडेय, लखनऊ। मिशन शक्ति के तहत महिलाओं को जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर महिला अपराध पर लगाम लगाने की तैयारी चल रही है, लेकिन मंगलवार को जारी राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं।
महिला अपराधों में लखनऊ पहले स्थान पर है, जबकि कानपुर दूसरे स्थान पर है। यही स्थिति बच्चों से जुड़े अपराधों की भी है। यह आंकड़े वर्ष 2023 से अब तक के हैं। जबकि महिलाओं के लिए तमाम योजनाएं चल रही है, वह सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गई है।
एनसीआरबी ने हाल ही में देश के विभिन्न शहरों में दर्ज अपराधों की सूची जारी की है, जिसमें वर्ष 2021 से 2023 के बीच मेट्रो शहरों में महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराधों के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। लखनऊ पुलिस के दावों के बावजूद कि महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराधों में कमी आई है, एनसीआरबी के आंकड़े इसके विपरीत हैं।
वर्ष 2023 में लखनऊ में महिलाओं से जुड़े अपराध के 2902 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 790 मामलों की जांच अभी भी चल रही है। कानपुर में महिलाओं से जुड़े अपराध के 2200 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 769 मामलों की जांच अभी भी चल रही है।
आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ महिलाओं से जुड़े अपराधों में पहले स्थान पर है। बच्चों से जुड़े अपराधों(अपहरण, हत्या, कुकर्म समेत अन्य शामिल) में भी लखनऊ पहले स्थान पर है।
वर्ष 2023 में लखनऊ में बच्चों से जुड़े अपराध के 844 मामले दर्ज किए गए, जबकि कानपुर में 426 और गाजियाबाद में 208 मामले दर्ज किए गए। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराधों पर लगाम लगाने के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है।
महिलाओं से जुड़े साइबर अपराध के 41 मामले हुए दर्ज
महिलाओं से जुड़े साइबर अपराधों में लखनऊ का देश में चौथा स्थान है, जिसमें अश्लील फोटो-वीडियो और फेक कंटेंट जैसे मामले शामिल हैं। इस श्रेणी में लखनऊ से आगे बैंगलुरु, हैदराबाद और दिल्ली हैं।
लखनऊ में ऐसे अपराधों के 41 मामले दर्ज किए गए हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, देश में साइबर अपराधों में 31.2% की वृद्धि हुई है, जिसमें धोखाधड़ी और यौन शोषण जैसे मामले प्रमुख हैं। साइबर अपराधों की दर प्रति लाख आबादी पर 6.2 हो गई है।
गर्भपात के मामलों में लखनऊ देश में पहले स्थान पर
आंकड़ों के अनुसार, राजधानी में गर्भपात के 42 मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें शादी से पहले और बाद के मामले शामिल हैं। इस तरह के आंकड़ों में राजधानी देश में पहले स्थान पर है। वहीं, दिल्ली में दस मामले दर्ज होने के कारण दूसरे स्थान पर है, जबकि मुंबई में तीन मामलों के साथ तीसरे स्थान पर है।
लखनऊ में चल रही महिलाओं व बच्चों के लिए चल रहे टोल फ्री सेवाएं
- -100 के करीब चल रहे पिंक बूथ।
- -डायल 112 पर काल कर महिला पीआरवी की मदद ले सकती।
- -112 इंडिया एप, पर मैसेज कर मदद मांग सकती।
- -वीमेन हेल्पलाइन नंबर 1090
- -महिला हेल्पलाइन नंबर 181
- -थानों पर बने महिला हेल्प डेस्क व मिशन शक्ति केंद्र
- -1098 चाइल्ड लाइन पर मदद ले सकते हैं।
- -1076 पर संपर्क कर मदद ले सकते हैं।
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