जेल भेजे गए पूर्व एमडी नवल किशोर
लखनऊ(जागरण ब्यूरो)। ग्राम विकास बैंक की भर्ती में गड़बड़ी व करोड़ों के घोटाले में आरोपित ...और पढ़ें

लखनऊ(जागरण ब्यूरो)। ग्राम विकास बैंक की भर्ती में गड़बड़ी व करोड़ों के घोटाले में आरोपित होने के बाद से फरार बैंक के तत्कालीन एमडी नवल किशोर को लखनऊ पुलिस ने दिल्ली में गिरफ्तार कर लिया। ट्रांजिट रिमांड पर नवल को इंदिरानगर थाना लाया गया और फिर अदालात में पेश कर जेल भेज दिया गया।
यूपी पुलिस की सहकारिता प्रकोष्ठ (एसआइबी) ने तफ्तीश में बैंक के तत्कालीन एमडी नवल किशोर को घोटाले और भर्ती में गड़बड़ी का मुख्य दोषी ठहराया था। तत्कालीन प्रमुख सचिव सहकारिता अमल कुमार वर्मा, अपर निबंधक अधिकोषण सहकारी समितियां बीपी सिंह और दो निजी लोगों को संदिग्ध अभियुक्त भी माना था। दस जुलाई को मामले में अदालत में आरोप पत्र दाखिल हुआ तब से पुलिस नवल किशोर की तलाश में थी। सूत्रों का कहना है कि दो दिन पहले लखनऊ पुलिस की अपराध शाखा को नवल के दिल्ली के बसंत बिहार कालोनी में होने की जानकारी मिली थी। पुलिस ने शनिवार सुबह उन्हें दिल्ली में गिरफ्तार कर लिया।
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सपा सरकार ने कराई जांच
बसपा सरकार में हाईकोर्ट की रोक के बावजूद उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक में भर्तियां कर ली गई थी। सपा सरकार बनने के बाद प्रकरण की विभागीय जांच हुई। घोटाला पकड़े जाने पर बैंक के महाप्रबंधक प्रशासन ने हुसैनगंज कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई। प्रकरण की विवेचना यूपी की सहकारिता शाखा को स्थानांतरित कर दी गई। जांच अधिकारी ने दो सौ से अधिक लोगों के बयान और बैंक के 56 अफसरों व कर्मचारियों की गवाही के आधार पर बैंक के एसआइबी ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया।
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एक हफ्ते में हत्थे चढ़े नवल किशोर
घोटाले के जिस आरोपी को पुलिस की सहकारिता प्रकोष्ठ छह माह से तलाश रही थी उसे लखनऊ की अपराध शाखा ने एक हफ्ते में गिरफ्तार कर लिया। अपर पुलिस अधीक्षक (अपराध) रविन्द्र सिंह ने बताया कि अपराध शाखा को गिरफ्तारी की जिम्मेदारी एक हफ्ते पहले ही मिली थी। सर्विलांस और मुखबिरों को उसकी तलाश में लगाया गया था।
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अमल वर्मा पर भी कसेगा शिकंजा
नवल किशोर की गिरफ्तारी और उनसे पूछताछ के बाद पुलिस तत्कालीन प्रमुख सचिव सहकारिता अमल कुमार वर्मा पर भी शिकंजा कसेगी। क्योंकि आरोप पत्र में उन्हें भी संदिग्ध अभियुक्त माना गया है।
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घोटाले की कहानी
एफआइआर : कोतवाली हुसैनगंज में 11 जनवरी 2013
मुकदमा अपराध संख्या : 11/013
वादी : आलोक दीक्षित, महाप्रबंधक प्रशासन यूपी सहकारी ग्राम विकास बैंक
आरोप : वित्तीय अनियमितता, नियमों के विरुद्ध भर्ती
आरोप पत्र : 10 जुलाई 2013
जांच एजेंसी: एसआइबी (कोआपरेटिव)
मुख्य अभियुक्त : नवल किशोर पुत्र राम दयाल, तत्कालीन एमडी, उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम्य विकास बैंक, 75, बाल बिहार कालोनी पिकनिक स्पाट रोड, इंदिरानगर
संदिग्ध अभियुक्त
1-अमल कुमार वर्मा : सेवानिवृत आइएएस (तत्कालीन प्रमुख सचिव सहकारिता)
2- बेलरी सिंह (बीपी सिंह) : तत्कालीन अपर निबंधक अधिकोषण सहकारी समितियां (अब लैकफेड घोटाले में जेल में)
3-विनोद गुप्ता : कारोबारी (इन्हें प्रचार प्रसार का ठेका दिया गया)
4- सीता गुप्ता : (इनके खाते में प्रचार के नाम पर जुटाया गया करीब 70 लाख रुपया जमा किया गया)
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पुलिस तफ्तीश में साबित आरोप
-रोक के बावजूद कर्मियों का चयन सीधी भर्ती से करना
-जिला सहकारी बैंक के वादी को उप्र सहकारी ग्राम विकास बैंक लि लखनऊ में आमेलित करना
-ग्राम विकास बैंक के जनपदीय कार्यालयों में इंटरनेट और कंप्यूटर लगाने में वित्तीय गड़बड़ी
-कार्यालय के दौरान अनावश्यक रूप से विदेश यात्रा और उस पर करोड़ों रुपए खर्च करना
-आमदनी कम खर्च ज्यादा होने के बावजूद गेस्ट हाउस की साज-सज्जा, बैंक भवन के पर्दे बदलने में भारी धन की बर्बादी
-हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के आदेश का उल्लंघन करके नाबार्ड की वित्तीय मंजूरी के बगैर कंप्यूटर लैब के नाम पर करोड़ों की वित्तीय अनियमितता
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ये बने मैनेजर व अधिकारी
- कुलदीप कुशवाहा तत्कालीन मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा के रिश्तेदार
- रिंकू कुमार आगरा के तत्कालीन बसपा एमएलसी धर्म प्रकाश के बेटे
- कमल बंसल, आगरा के प्रभावशाली बसपा नेता का पुत्र
- सुमित कुमार सैनी, बसपा नेता राम किशोर सैनी का पुत्र
- रिंकी सैनी तत्कालीन मंत्री रतन लाल अहिरवार की पुत्र वधू
- सौरभ कुमार बसपा नेता राम दोहरे के बेटे
-अ मित कुमार तत्कालीन प्रमुख सचिव सहकारिता अमल कुमार वर्मा के भतीजे
- निर्मला देवी तत्कालीन प्रबंध निदेशक नवल किशोर की भतीजी
- सत्य प्रकाश सिंह भर्ती चयन बोर्ड के सदस्य रहे बीपी सिंह का पुत्र।
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