RFID कार्ड से होगी प्रतिभागियों की एंट्री, 400 कैमरे करेंगे निगरानी, 350 एकड़ में बसी टेंट सिटी पर ऐसे रखी जाएगी पैनी नजर
वृंदावन योजना के डिफेंस एक्सपो स्थल और आसपास की 350 एकड़ जमीन पर 19वें राष्ट्रीय जम्बूरी के लिए विश्वस्तरीय टेंट सिटी तैयार की गई है। दिल्ली ब्लास्ट के बाद यहाँ हाईटेक सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं, जिनमें प्रतिभागियों के लिए आरएफआईडी आधारित प्रवेश व्यवस्था, पूरे परिसर में 400 सीसी कैमरे, और कंट्रोल रूम से लगातार निगरानी शामिल है।

धर्मेश अवस्थी, लखनऊ। वृंदावन योजना के डिफेंस एक्सपो स्थल व आसपास की 350 एकड़ जमीन पर 19वें राष्ट्रीय जम्बूरी के लिए विश्वस्तरीय टेंट सिटी बसाई गई है। यह कार्य वैसे तो अगस्त से चल रहा है, लेकिन दिल्ली में ब्लास्ट के बाद सुरक्षा के हाईटेक प्रबंध किए गए हैं। प्रतिभागियों को आरएफआइडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) कार्ड के जरिए प्रवेश दिया जाएगा। पूरे परिसर में 400 सीसी कैमरे लगाए गए हैं, कंट्रोल रूम से चप्पे-चप्पे की निगरानी हो रही है।
लखनऊ में पहली बार 23 से 29 नवंबर तक होने वाले भव्य आयोजन में 35,000 से अधिक स्काउट्स और गाइड्स के साथ ही विदेश अमेरिका, मलेशिया, श्रीलंका आदि से मेहमान आने शुरू हो गए हैं। टेंट सिटी को 13 ब्लाकों व 36 सब कैंप में बांटा गया है। परिसर में प्रतियोगियों, अधिकारियों व कर्मचारियों तक को प्रवेश कार्ड जारी हो रहे हैं। आयोजन में आम लोगों को प्रवेश नहीं मिलेगा। स्टेट ट्रेनिंग कमिश्नर अदनान अंसारी ने बताया, ओलिंपिक की तरह सभी की सुरक्षा के प्रबंध हुए हैं।
कंट्रोल रूम में 16 एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं, जहां से निगरानी होगी। अब तक 250 से अधिक विदेशी मेहमानों के आने की सूचना है। यह भी संयोग है कि उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद ने जिस भूमि पर आइटी सिटी बसाने की योजना बनाई है, उसी पर जम्बूरी के दौरान एआइ व आइटी का हब विकसित किया जा रहा है, ताकि आने वाले युवा नई तकनीक को अपनाने के लिए प्रेरित हों। आइआइटी दिल्ली के 15 छात्रों का दल आ रहा है। काकोरी रोड के सेंट क्लेयर कान्वेंट स्कूल के छात्र-छात्राएं ड्रोन बनाकर दिखाएंगे। परिसर में रोबोट प्रदर्शन के साथ ही माई भारत पोर्टल पर युवाओं का पंजीकरण भी होगा।
क्या है आरएफआइडी कार्ड
आरएफएआइडी कार्ड का उपयोग सुरक्षित प्रवेश नियंत्रण के लिए किया जाता है। इसमें सिर्फ टैप करके प्रवेश दिया जाता है, वहीं प्रवेश पाने वाले का पूरा ब्योरा उसकी चिप में होता है। ये ऐसी तकनीक है, जिसमें रेडियो तरंगों का उपयोग करके लोगों की पहचान व ट्रैकिंग की जाती है। यह एक स्वचालित पहचान प्रणाली है, जो डेटा को वायरलेस तरीके से बिना सीधे संपर्क के पढ़ सकती है।
30 फीट की ऊंचाई पर दौड़ेगी साइकिल
जम्बूरी में दो स्काई टावर और एडवेंचर पार्क बनाए गए हैं, जहां 30 फीट की ऊंचाई पर साइकिल दौड़ती दिखेगी। ऐसे ही रस्सी के सहारे युवा तरह-तरह के करतब दिखाएंगे। सांस्कृतिक संध्या में देशभर के विविध नृत्य, गीत व संगीत के आयोजन होंगे।

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