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    जंबूरी में पर्यावरण संरक्षण की अनोखी पाठशाला, बच्चे सीख रहे वेस्ट से बेस्ट बनाने का मंत्र

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 08:23 AM (IST)

    लखनऊ में भारत स्काउट्स और गाइड्स की 19वीं राष्ट्रीय जंबूरी में 35 हजार से अधिक स्काउट्स-गाइड्स पर्यावरण संरक्षण का प्रशिक्षण ले रहे हैं। यहां पहली बार डिपॉजिट रिफंड सिस्टम लागू किया गया है, जिससे कचरे का प्रबंधन हो रहा है। बच्चे प्लास्टिक की बोतलें जमा कर ईको-गिफ्ट प्राप्त कर रहे हैं। 'वेस्ट से वंडर' थीम के अंतर्गत फ्लैक्स और चिप्स के पैकेट से बैग बनाए जा रहे हैं, जिससे कचरे का सदुपयोग हो रहा है।

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    विवेक राव, लखनऊ। भारत स्काउट्स और गाइड्स की 19वीं राष्ट्रीय जंबूरी इस बार सिर्फ कैंपिंग और एडवेंचर तक सीमित नहीं, बल्कि यहां 35 हजार स्काउट्स-गाइड्स और देश–विदेश से आए वालंटियर पर्यावरण संरक्षण की एक नई, अनोखी पाठशाला में भाग ले रहे हैं।

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    पहली बार जंबूरी में डिपाजिट रिफंड सिस्टम (डीआरएस) लागू कर कचरे का तुरंत प्रबंधन किया जा रहा है, और बच्चे इसे उत्साह से अपनाते भी दिख रहे हैं।

    डिफेंस एक्सपो ग्राउंड में 350 एकड़ में बसे अस्थायी टेंट सिटी में सुबह से शाम तक स्काउट्स-गाइड्स हाथों में खाली प्लास्टिक बोतलें, चिप्स और बिस्कुट के पैकेट लेकर घूमते नजर आते हैं। ये बच्चे न सिर्फ अपना कचरा जमा कर रहे हैं, बल्कि कैंपस में बिखरा हर छोटा-सा प्लास्टिक उठाकर रिवर्स वेंडिंग मशीन में डाल रहे हैं।

    मशीन से निकलने वाले रिवार्ड कूपन उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा है। इन कूपनों के बदले उन्हें एक खास ईको-गिफ्ट मिलता है। ऐसा गिफ्ट जिसे मिट्टी में दबाते ही पौधा उग आता है। 23 से 27 नवंबर के बीच एक लाख 20 हजार से ज्यादा कूपन बांटे जा चुके हैं, यानी उतनी ही मात्रा में प्लास्टिक के बोतल और प्लास्टिक के रैपर जमा किया जा चुका है।

    स्टार्टअप सर्कुलोजी के संस्थापक सईम रिजवी बताते हैं कि टेंट सिटी में दो स्तर पर वेस्ट मैनेजमेंट चल रहा है। प्लास्टिक को मशीनों के जरिये तुरंत रिसाइकल की दिशा में भेजना और खाने-पीने के बचे अवशेषों से करीब 300 किलो जैविक खाद तैयार किया गया है।

    इसमें स्काउट्स-गाइड्स वेस्ट मैनेजमेंट का तरीका सीख रहे हैं। यही नहीं जंबूरी परिसर में लगाए गए सभी बड़े फ्लैक्स को भी बेकार नहीं छोड़ा जा रहा। इन्हीं फ्लैक्स से बैग बनाए जा रहे हैं। वहीं 12वीं की छात्रा चांदनी चिप्स के पैकेट से खूबसूरत बैग तैयार करती दिखीं।

    वह बताती हैं कि पहली बार सीखा और अब जो बैग बन रहे हैं, लोग देखकर हैरान हैं कि चिप्स के पैकेट से इतना सुंदर भी बनाया जा सकता है। स्काउट्स और गाइड्स के प्रादेशिक मुख्यायुक्त डाॅ. प्रभात कुमार का कहना है कि टेंट सिटी में ‘वेस्ट से वंडर’ थीम पर बच्चों ने कई आकर्षक चीजें बनानी शुरू कर दी हैं।

    जंबूरी के अंत में सर्वश्रेष्ठ 10 वंडर आइटम बनाने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया जाएगा। साथ ही सभी अनोखी चीजों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। जंबूरी में पहली बार अपनाए गए इस व्यापक और वैज्ञानिक वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम ने आयोजन को एक नई पहचान दी है।

    यह सिर्फ कार्यक्रम का हिस्सा नहीं, बल्कि एक जीवंत माडल बन गया है कि कैसे बड़ी आबादी वाली किसी अस्थायी बस्ती में भी कचरा प्रबंधन को बिना देरी के लागू किया जा सकता है। बच्चों का उत्साह, उनकी सीख और पर्यावरण के प्रति जागरूकता इस बात का प्रमाण है कि जंबूरी सिर्फ प्रशिक्षण नहीं दे रही, बल्कि भविष्य के संवेदनशील नागरिक तैयार कर रही है।