कभी इस बिल्डिंग में छपता था नेशनल हेराल्ड अखबार, नेहरू मंजिल में लटका ताला; सील करने नहीं पहुंची ED की टीम
लखनऊ में कैसरबाग चौराहे से पहले एक किनारे पुरानी भी बिल्डिंग है जर्जर हो गई इस बिल्डिंग को व्यवसायिक उपयोग के लिए बनाया गया था। नेशनल हेराल्ड की नेहरू मंजिल के नाम से यह बिल्डिंग अब जर्जर चुकी है। बिजली की वायरिंग लटक रही है तो जगह-जगह दीवारें चिटक गई है। पूरी तरह से जर्जर हो गई इस बिल्डिंग की 207 दुकानों में अधिकांश पर ताले लगे हैं।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। कैसरबाग चौराहे से पहले एक किनारे पुरानी भी बिल्डिंग है, जर्जर हो गई इस बिल्डिंग को व्यवसायिक उपयोग के लिए बनाया गया था। नेशनल हेराल्ड की नेहरू मंजिल के नाम से यह बिल्डिंग अब जर्जर चुकी है। बिजली की वायरिंग लटक रही है तो जगह-जगह दीवारें चिटक गई है। पूरी तरह से जर्जर हो गई इस बिल्डिंग की 207 दुकानों में अधिकांश पर ताले लगे हैं। नेशनल हेराल्ड की इस बिल्डिंग को ईडी की तरफ से जब्त किए जाने की सूचना से बुधवार को यहां कुछ चहल-पहल दिखी, लेकिन शाम तक कोई नहीं आया है। आठ माह पहले तक यहां की निगरानी के लिए गार्ड तैनात थे लेकिन अब वह भी नहीं हैं।
कुछ दुकानों का पंजीकरण किया गया था, जिसमे एक में शीतल पेय की एक दुकान ही चल रही है। भूमिगत पार्किंग और वहां बनी दुकानों के साथ ही प्रवेश द्वार पर भी ताला लटका है। परिसर में कूड़ा भरा है, जिन दुकानों पर ताले लगे हैं, उसे दुकानदारों ने गोदाम बना रखा है।
कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड को फिर से चालू करने के नेहरू मंजिल के भूतल में मशीन लगाने की योजना बनाई थी लेकिन आगे कोई बात नहीं बनी। यहां दुकान चलाने वाले अनिल सोनकर और बबलू सोनकर का कहना है कि अब यहां कोई नहीं आता है। आठ माह पहले तक कोई आता था और देखकर चला जाता था। हर दुकान पर ताले लगे हैं तो भूमिगत वाला भाग भी बंद है। आज कोई भी बिल्डिंग को सीज करने नहीं आया था।
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नगर निगम भी लगा चुका है ताला
नेशनल हेराल्ड की बिल्डिंग में चाइना बाजार चौकी वाले भाग में इंदिरा गांधी नेत्र चिकित्सालय भी चल रहा है। कभी इस जगह से नेशनल हेराल्ड, कौमी आवाज नवजीवन भी छपता था। गृहकर न देने पर 31 अक्टूबर 1998 से 16 मई 2006 तक नगर निगम ने बिल्डिंग को सील कर दिया था।
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