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    नंद बाबा दुग्ध मिशन: इंडियन बैंक के साथ ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू, गोवंश संरक्षण पर यूपी सरकार का जोर

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 01:06 AM (IST)

    नंद बाबा दुग्ध मिशन के अंतर्गत योजनाओं के लिए अब ऑनलाइन आवेदन किए जा सकेंगे जिसके लिए इंडियन बैंक डीबीटी सुविधा वाला पोर्टल चलाएगा। पशुधन मंत्री की उपस्थिति में एमओयू साइन हुआ। मंत्री ने कहा कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और गोवंश के संरक्षण के लिए धन का सही उपयोग होगा। बैंक पोर्टल को मुफ्त में बेहतर बनाएगा।

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    नंदबाबा दुग्ध मिशन पोर्टल से मिलेगी लाभार्थियों को सुविधा: धर्मपाल सिंह

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। नंदबाबा दुग्ध मिशन के तहत संचालित योजनाओं का लाभ पाने के लिए अब आनलाइन आवेदन की सुविधा मिलेगी। इसके लिए इंडियन बैंक द्वारा पोर्टल में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) जोड़कर उसका संचालन किया जाएगा।

    सोमवार को पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह की मौजूदगी में इसके लिए नंदबाबा दुग्ध मिशन के निदेशक एवं दुग्ध आयुक्त राकेश कुमार मिश्र और और इंडियन बैंक जोनल मैनेजर पंकज कुमार सिंह ने समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

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    मंत्री ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में मिशन के तहत नंदिनी कृषक समृद्धि योजना, मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री स्वदेशी गो-संवर्धन योजना और मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक योजना में आवेदन लिए गए हैं और ई-लाटरी के माध्यम से चयन की प्रक्रिया चल रही है।

    अब इस पोर्टल से डीबीटी की व्यवस्था जुड़ने से काम पारदर्शिता बढ़ेगी। पोर्टल को बेहतर बनाने का काम बैंक की हजरतगंज शाखा द्वारा निश्शुल्क किया गया है। इसके संचालन में तकनीकी सहायता एवं रख-रखाव भी अगले तीन साल तक बैंक द्वारा निश्शुल्क किया जाएगा।

    इस दौरान प्रमुख सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास मुकेश कुमार मेश्राम, प्रबंध निदेशक पीसीडीएफ वैभव श्रीवास्तव, विशेष सचिव देवेंद्र पांडेय, बैंक के मुख्य महाप्रबंधक सुधीर कुमार गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

    गो आश्रय स्थलों को मिली धनराशि का हो सदुपयोग

    पशुपालन निदेशालय में सोमवार को हुई बैठक में पशुधन मंत्री ने निर्देश दिए कि गो आश्रय स्थलों के संचालन के लिए सरकार द्वारा दी जा रही धनराशि का पारदर्शी ढंग से उपयोग कराया जाए। सड़क पर विचरण कर रहे गोवंश को रेडियम बेल्ट लगाई जाए।

    जिन नये वृहद गो संरक्षण केंद्रों का निर्माण 90 प्रतिशत से अधिक पूरा हो गया है, उनका काम एक माह में पूरा कर क्रियाशील किया जाए। मुख्य पशुचिकित्साधिकारी गो आश्रय स्थलों का नियमित रूप से निरीक्षण करें। जिलों में आवंटित धन का दिसंबर तक 80 प्रतिशत तक व्यय न होने पर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी।