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    NAAC Grading : उत्तर प्रदेश के कॉलेजों की नैक ग्रेडिंग होगी आसान, 25 प्रतिशत को ग्रेडिंग दिलाने का लक्ष्य

    Updated: Fri, 18 Jul 2025 06:55 PM (IST)

    Higher Education in UP राज्य के छह विश्वविद्यालय पहले ही ए डबल प्लस ग्रेड हासिल कर चुके हैं। उच्च शिक्षा विभाग एक नई नीति का मसौदा तैयार कर रहा है जिसके तहत सभी पात्र कालेजों को एक तय समय सीमा में अपनी स्व-मूल्यांकन रिपोर्ट (सेल्फ स्टडी रिपोर्ट) दाखिल करनी होगी। इसके बाद नैक मूल्यांकन की सभी प्रक्रियाएं निर्धारित समय में पूरी करनी होंगी।

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    नैक होगा आसान, 25 प्रतिशत कालेजों को ग्रेडिंग की तैयारी

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : प्रदेश के कॉलेजों को अब नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) की मान्यता दिलाना पहले से ज्यादा आसान और पारदर्शी होगा।

    उच्च शिक्षा विभाग ने वर्ष 2025-26 तक प्रदेश के 25 प्रतिशत कॉलेजों को नैक ग्रेडिंग दिलाने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए मूल्यांकन की पूरी प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। अब कॉलेजों की तैयारी का आकलन बाइनरी सिस्टम से होगा, जिसमें ‘हां या नहीं’ के स्पष्ट जवाबों के आधार पर संस्थानों की स्थिति जानी जाएगी।

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    इस प्रणाली से कॉलेजों को बार-बार दस्तावेज या सूचनाएं देने की जरूरत नहीं होगी, जिससे प्रक्रिया न सिर्फ तेज होगी बल्कि सटीक भी रहेगी। उत्तर प्रदेश स्टेट लेवल क्वालिटी एश्योरेंस सेल (यूपी- एसएलक्यूएसी) और उच्च शिक्षा विभाग मिलकर इस दिशा में काम कर रहे हैं।

    नैक रेटिंग से स्टूडेंट्स को शिक्षण संस्थान के बारे में सही जानकारी मिलती है। छात्रों को संस्थान के बारे में, शिक्षा की गुणवत्ता, अनुसंधान, बुनियादी ढांचा और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी जानकारी हासिल करने में आसानी होती है। नैक ग्रेडिंग के जरिए छात्र अपने लिए बेहतर कॉलेज तलाश कर सकते हैं. इतना ही नहीं, नैक ग्रेड शिक्षण संस्थानों की दी गई डिग्रियों का मूल्य भी निर्धारित करते हैं।

    यह राज्य के उच्च शिक्षा विभाग एवं उत्तर प्रदेश स्टेट लेवल क्वालिटी एश्योरेंस सेल (UP-SLQAC) के सक्रिय प्रयासों का परिणाम है। उच्च शिक्षा संस्थानों की रैंकिंग में सुधार के लिए की गई पहल के तहत नैक मूल्यांकन के लिए पहले ही 1000 कॉलेजों का चयन किया जा चुका है।

    वहीं राज्य के छह विश्वविद्यालय पहले ही ए डबल प्लस ग्रेड हासिल कर चुके हैं। उच्च शिक्षा विभाग एक नई नीति का मसौदा तैयार कर रहा है, जिसके तहत सभी पात्र कॉलेजों को एक तय समय सीमा में अपनी स्व-मूल्यांकन रिपोर्ट (सेल्फ स्टडी रिपोर्ट) दाखिल करनी होगी। इसके बाद नैक मूल्यांकन की सभी प्रक्रियाएं निर्धारित समय में पूरी करनी होंगी।

    उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि नैक मान्यता प्राप्त संस्थानों में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, योग्य शिक्षक, बेहतर रिसर्च और आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। इससे छात्रों का भविष्य सुरक्षित होगा और संस्थानों की साख भी बढ़ेगी। यह प्रक्रिया केवल ग्रेडिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे यह भी तय होगा कि छात्रों को वास्तव में किस स्तर की शिक्षा और सुविधाएं मिल रही हैं।

    योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह पहल राज्य के शैक्षणिक संस्थानों की वैश्विक स्तर पर साख बढ़ाने की दिशा में एक ठोस कदम है। इससे छात्रों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण, योग्य शिक्षक और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर की मान्यता प्राप्त संस्थान मिलेंगे।

    उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई यह श्रृंखलाबद्ध पहलें उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता, जवाबदेही और तकनीकी समावेशन को लेकर एक नई मिसाल पेश कर रही हैं। इससे न केवल कॉलेजों की रैंकिंग बेहतर होगी, बल्कि छात्रों का भविष्य भी मजबूत होगा।

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