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    यूपी में निजी कालेजों में नैक मूल्यांकन को लेकर ढिलाई, नए फ्रेमवर्क का हो रहा है इंतजार

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 02:00 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश के निजी कॉलेजों में नैक मूल्यांकन को लेकर ढिलाई बरती जा रही है, क्योंकि कॉलेज नए फ्रेमवर्क का इंतजार कर रहे हैं। कॉलेज प्रशासन का मानना है कि नया फ्रेमवर्क मूल्यांकन प्रक्रिया को अधिक स्पष्ट करेगा। उच्च शिक्षा विभाग कॉलेजों को नैक मूल्यांकन के महत्व के बारे में जागरूक करने का प्रयास कर रहा है, क्योंकि इससे कॉलेजों की गुणवत्ता में सुधार होगा और छात्रों को बेहतर शिक्षा मिलेगी।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के निजी उच्च शिक्षा संस्थान नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) से मूल्यांकन कराने में पीछे चल रहे हैं। इससे उनकी शैक्षणिक गुणवत्ता और पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

    उच्च शिक्षा परिषद के अनुसार प्रदेश के 7372 निजी (सेल्फ फाइनेंस) कालेजों में से केवल 47 कालेजों को ही अब तक नैक से एक्रीडिएशन प्राप्त हुआ है। अकेले डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) से जुड़े प्रदेश के 750 तकनीकी कालेजों में सिर्फ 23 संस्थानों ने नैक मूल्यांकन पूरा किया है। अधिकांश निजी कालेजों ने अभी तक मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू ही नहीं की है।

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    नैक मूल्यांकन संस्थानों की शैक्षणिक गुणवत्ता, शिक्षण मानक, अनुसंधान, बुनियादी सुविधाओं और पारदर्शिता का आकलन करता है। इससे कालेजों को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलती है, बल्कि छात्रों को बेहतर शिक्षा, आधुनिक प्रयोगशालाएं, रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण और उच्च शिक्षा में प्रवेश के अधिक अवसर प्राप्त होते हैं।

    उच्च शिक्षा विभाग की ओर से सभी निजी कालेजों के नैक मूल्यांकन पर जोर दिया जा रहा है ताकि राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूत और विश्वसनीय बनाया जा सके।

    एकेटीयू के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने बताया कि नैक का नया फ्रेमवर्क आने के बाद सभी तकनीकी कालेजों को आवेदन के लिए प्रेरित किया जाएगा। विश्वविद्यालय से जुड़े लगभग 400 तकनीकी कालेजों के दो बैच पास हो चुके हैं, इसलिए उन्हें नैक मूल्यांकन के लिए आवेदन कराया जाएगा।