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Gyanvapi Mosque Case: मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड का बड़ा एलान, ज्ञानवापी मस्जिद के लिए लड़ेगा कानूनी लड़ाई

मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड आफ इंडिया ने अन्य इबादतगाहों की हिफाजत के लिए कानूनी कदम उठाने की कही बात। बोर्ड ने बैठक में कहा क‍ि इबादतगाह बचाओ बेदारी तहरीक चलाएंगे संविधान के संरक्षण की जिम्मेदारी सरकार की है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 25 May 2022 08:06 PM (IST)Updated: Thu, 26 May 2022 06:51 AM (IST)
Gyanvapi Mosque Case: मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड का बड़ा एलान, ज्ञानवापी मस्जिद के लिए लड़ेगा कानूनी लड़ाई
Gyanvapi Mosque Case: मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड आफ इंडिया कानूनी लड़ाई लड़ेगा।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। ज्ञानवापी मस्जिद की हिफाजत के लिए मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड आफ इंडिया कानूनी लड़ाई लड़ेगा। बोर्ड ने एक बैठक के दौरान यह निर्णय लिया है। बैठक में कहा गया कि इबादतगाहों की हिफाजत के लिए कानूनी कदम उठाया जाएगा। साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश के खिलाफ इबादतगाह बचाओ बेदारी तहरीक भी पूरे देश में चलाश जाएगा। बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद यूसुफ अजीजी की अध्यक्षता में बैठक की गई।

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बैठक में प्लेसेज आफ वारशिप एक्ट पर चर्चा हुई। इस दौरान कहा गया कि मुस्लिम समुदाय आहत व बेचैन है। मस्जिदों, दरगाहों व अन्य स्थलों की प्रकृति व चरित्र पर खतरा मंडरा रहा है, जिसे स्वीकार करने की स्थिति में हम नहीं हैं। काशी व मथुरा सहित देशभर की लगभग 50 हजार मस्जिदों को जिस तरह निशाना बनाने की बात की जा रही है, उससे संविधान व कानून के सामने एक बड़ी चुनौती उत्पन्न हुई है।

बोर्ड सुप्रीम कोर्ट से इबादतगाहों की हिफाजत के साथ उनके चरित्र व प्रकृति को बदलने से रोकने की अपील करेगा। उन्होंने कहा कि ज्ञानव्यापी मस्जिद की दीवार तोड़कर जांच की मांग भी संविधान विरोधी ही नहीं बल्कि मस्जिद को शहीद कर देने की एक बड़ी साजिश है, जिसे अदालत को खारिज करना चाहिए।

बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव डा. मोइन अहमद खान ने बैठक के बाद कहा कि मीटिंग में तय हुआ कि इबादतगाह बचाओ तहरीक शुरू कर कौम को जागरूक करेंगे। साथ ही धार्मिक सौहार्द बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर तहरीक चलाया जाएगा, जिसकी घोषणा दो जून को की जाएगी। उन्होंने कहा कि 2024 की चुनावी तैयारी के लिए उन्माद पैदा करना देशविरोधी राजनीति है।

बोर्ड की ओर से कहा गया कि संविधान व कानून के संरक्षण की जिम्मेदारी सरकार की है। देश में धर्म के नाम पर ओछी राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण है। मथुरा व काशी के बाद यह सिलसिला कहां जाकर रुकेगा, कोई नहीं जानता। इसलिए यह आवश्यक हो गया है कि इस विषय पर प्रधानमंत्री अपना मौन तोड़कर एकजुटता व सौहार्द के साथ संविधान संरक्षण का भरोसा दें।

बैठक में बोर्ड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व विधायक नसीम अहमद ने कहा कि वोट की राजनीति के लिए मस्जिदों को निशाना बनाकर धार्मिक विवाद गरमाये जा रहे हैं, जिसमें तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दल मौन धारण किया है।


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