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UP में बालू और मौरंग की कीमतें में आया बड़ा उछाल, घर बनवाने से पहले जानें रेट

उत्‍तर प्रदेश में खनन पर ब्रेक लगने से बारिश के मौसम में भवन सामग्री में उछाल बना हुआ है। वहीं बालू के दाम लगातार चढऩे से रखरखाव और घरों में चल रहे प्लास्टर आदि काम की गति भी धीमी हो गई है।

By Rafiya NazEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 01:33 PM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 04:54 PM (IST)
UP में बालू और मौरंग की कीमतें में आया बड़ा उछाल, घर बनवाने से पहले जानें रेट
खनन पर ब्रेक लगने से बारिश के मौसम में भवन सामग्री महंगी हो गई है।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। खनन पर ब्रेक लगने से बारिश के मौसम में भवन सामग्री में उछाल बना हुआ है। वहीं बालू के दाम लगातार चढऩे से रखरखाव और घरों में चल रहे प्लास्टर आदि काम की गति भी धीमी हो गई है। आमतौर पर बरसात के दिनों में भवन निर्माण करा रहे लोग अपने घरों के अंदरूनी हिस्से में मरम्मत का काम कराने को तरजीह देते हैं। बालू की कीमतों में करीब पांच हजार रुपये प्रति हजार घनफीट तेजी दर्ज की गई है। वहीं मौरंग 75,000 रुपये प्रति टन है।

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लगातार चढ़ती कीमतों से आशियाना बनाने वालों को तेज झटका लगा है।

हाल यह है कि करीब एक माह पहले 25,000 रुपये प्रति टन बिक रही बालू 40,000 रुपये में पहुंच गई है। वहीं मौरंग की कीमत भी रफ्तार बनाए हुए है। 65,000 रुपये प्रति ट्रक से बढ़कर 75,000 रुपये टन हो गई हैं। फुटकर में मौरंग का भाव 78 से 80 रुपये घन फीट है।

जमाखोरी भी एक वजह: 

खनन बंद होते ही जमाखोर भी तेजी से सक्रिय हो जाते हैं। बरसात को देखते हुए माल मौंरग और बालू डंप करना शुरू कर देते हैं। नतीजतन इन सामग्री का भाव तेजी से ऊपर जाने लगता है।

एक माह में बढ़े दाम का तुलनात्मक आंकड़ा

भवन सामग्री रुपये प्रति ट्रक एक हजार घनफीट -जून माह-अगस्त माह

मौरंग-                                                     65,000 -75,000

बालू का ट्रक-                                            25,000 -40,000

प्रति घनफीट रुपये में जून माह- के शुरू में- जून के अंतिम हफ्ते में- आज

मौरंग                                                                          65 -75

बालू                                                                            25 -40

उत्तर प्रदेश सीमेंट व्यापार संघ के अध्यक्ष श्याममूर्ति गुप्ता ने बताया कि बारिश के मौसम में खदान बंद होने से भवन सामग्री खासतौर पर बालू और मौरंग की कीमतों पर बड़ा असर आता है। इसे देखते हुए लोग स्टोरेज भी करते हैं। हालांकि कोरोना काल के चलते इस बार अभी खपत कम है। बावजूद इसके कीमतों में तेजी बनी हुई है।


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