आपके घर पर भी लगा है मोबाइल टावर? लखनऊ हाई कोर्ट के इस फैसले से मच गया हड़कंप
Allahabad High Court | इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने गोमतीनगर में एक पड़ोसी की छत पर 100 फीट ऊंचा मोबाइल टावर लगाने पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने मकान मालिक और टावर कंपनी को नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ताओं ने टावर से सुरक्षा को खतरा बताया था जिसके बाद न्यायालय ने यह फैसला सुनाया। अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।

विधि संवाददाता, लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने गोमतीनगर में एक पड़ोसी के घर की छत पर सौ फीट ऊंचा मोबाइल टावर लगाने पर अंतरिम रोक लगा दी है।
कोर्ट ने मोबाइल टावर लगाने की अनुमति देने वाले मकान मालिक और टावर लगा रही कंपनी मेसर्स इंडस टावर लिमिटेड को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को नियत की है।
यह आदेश जस्टिस संगीता चंद्रा व जस्टिस बीआर सिंह की पीठ ने संजय कुमार राय, सुदीप कुमार श्रीवास्तव, अंजनी कुमार मिश्रा, राजीव प्रधान और अरुण कुमार श्रीवास्तव की ओर से दाखिल रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया है।
याचिका में कहा गया है कि मकान नंबर सी-2/200, विराम खंड-2, गोमतीनगर, लखनऊ के मालिक समीर सक्सेना हैं। इस घर के चार सौ वर्ग फिट पर मकान मालिक सक्सेना की सहमति से मेसर्स इंडस टावर लिमिटेड मोबाइल टावर सौ फीट ऊंचा मोबाइल टावर लगाने का काम कर रही है।
कहा गया कि टावर लगाने से याचियों के घरों की सुरक्षा को गंभीर खतरा है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद अंतरिम आदेश पारित करते हुए मोबाइल टावर के काम पर तत्काल रोक लगा दी है।
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