‘अवैध मतांतरण के विरुद्ध बनाया जाए कानून’, MLA राजेश्वर सिंह ने केंद्रीय मंत्री को लिखा पत्र
विधायक राजेश्वर सिंह ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को पत्र लिखकर अवैध धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है और संगठित गिरोहों द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कठोर सजा और पीड़ितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले केंद्रीय कानून की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि देश की सांस्कृतिक जड़ों और संवैधानिक नैतिकता की रक्षा की जा सके।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सरोजनी नगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेश्वर सिंह ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को पत्र लिखकर अवैध मतांतरण के विरुद्ध कानून बनाने की मांग की है।
पत्र में उन्होंने लिखा है कि केंद्र सरकार अवैध मतांतरण विरोधी कानून बनाकर अपराधियों के लिए कड़ी सजा व पीड़ितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रविधान करे। उन्होंने यह भी लिखा है कि मतांतरण भारत की सभ्यतागत पहचान, सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है।
उन्होंने दावा किया है कि जबरदस्ती, धोखा, प्रलोभन, मनोवैज्ञानिक हेरफेर और विवाह के माध्यम से संगठित गिरोह अवैध मतांतरण करा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के अवैध मतांतरण गिरोह का राजफाश और आगरा में आईएसआईएस से जुड़े मतांतरण माड्यूल के राजफाश सहित देश के विभिन्न हिस्सों में हुई हालिया घटनाएं मतांतरण गिरोहों के खतरनाक इरादे को उजागर करती हैं।
पांच पन्नों के पत्र में उन्होंने यह भी लिखा है कि यह कोई अकेली घटनाएं नहीं हैं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक जड़ों और बेटियों की गरिमा पर एक व्यवस्थित, सुपोषित और वैचारिक रूप से प्रेरित हमला है।
दान, विवाह या सामाजिक सेवा की आड़ में, हजारों लड़कियों, जिनमें से ज्यादातर कमजोर हिंदू, अनुसूचित जाति या आदिवासी पृष्ठभूमि की हैं, को मतांतरण के लिए निशाना बनाया जा रहा है और उनकी तस्करी की जा रही है।
विधायक ने यह मांग भी की है कि सामूहिक मतांतरण पर लगाम लगाने में राज्य स्तर पर काफी अड़चनें हैं। इस कार्य में जुटे गिरोहों को विदेशी फंडिंग की जा रही है। मौजूदा कानूनों के तहत मतांतरण मामले में 1-10 वर्ष की सजा काफी कम है। इसलिए अवैध मतांतरण के मामले में केंद्रीय कानून की तत्काल आवश्यकता है जो अवैध मतांतरण को परिभाषित और वर्गीकृत करे।
मतांतरण गिरोह के मास्टरमाइंड और बार-बार अपराध करने वालों के लिए आजीवन कारावास जैसी सजा का प्राविधान किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा है कि हह धार्मिक पहचान का मामला नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और संवैधानिक नैतिकता का मामला है। संविधान धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है, लेकिन धोखाधड़ी या विदेशी वित्त पोषित षड्यंत्र के जरिए दूसरों का मतांतरण करने की स्वतंत्रता नहीं देता।
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