पांच वर्ष तक के लिए होगी पुलिसकर्मियों की तैनाती, यूपी में क्या नया होने वाला है?
लखनऊ मिशन शक्ति 5.0 के तहत डीजीपी राजीव कृष्ण ने थानों में स्थापित मिशन शक्ति केंद्रों के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए हैं। इन केंद्रों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती 3-5 साल के लिए होगी और महिला पुलिसकर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी। केंद्र महिला शिकायतकर्ताओं के प्रति संवेदनशील रहेंगे और उनकी सहायता करेंगे। प्रशिक्षित कर्मी तैनात होंगे और महिलाओं के खिलाफ अपराधों का रिकॉर्ड रखा जाएगा

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। ''''मिशन शक्ति 5.0'''' के तहत 1,647 थानों पर स्थापित किए गए मिशन शक्ति केंद्रों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती, दायित्वों व प्रशिक्षण को लेकर डीजीपी राजीव कृष्ण ने विस्तृत निर्देश दिए हैं। केंद्रों पर महिला व पुलिसकर्मियों की तैनाती तीन से पांच वर्षाें के लिए होगी।
एक केंद्र से दूसरे केंद्र पर इनका तबादला जिले के नोडल अधिकारी के प्रस्ताव पर जिला प्रभारी स्थापना बोर्ड के माध्यम से कराएंगे। हर थाने पर केंद्र महिला चौकी की तरह काम करेगा। डीजीवी ने आइजी/डीआइजी रेंज को केंद्रों के पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी दी है।
थानों पर स्थापित केंद्रों पर महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती भी बढ़ेगी। आइजी/डीआइजी रेंज केंद्रों के लिए महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती सुनिश्चित कराएंगे।
थाने पर आने वाली महिला शिकायतकर्ताओं के प्रति संवेदनशीलता, तत्परता, प्राथमिकता तथा महिला के साथ किसी भी घटना के बाद उसकी काउंसिलिंग, सहयोग व संरक्षण की जिम्मेदारी केंद्र पर तैनात पुलिसकर्मियों की होगी। इसके लिए उनकी जवाबदेही भी तय की गई है।
हर केंद्र में महिला/पुरुष निरीक्षक अथवा उपनिरीक्षक प्रभारी के रूप में तैनात होगा। डीजीपी ने प्रभारी के पद पर महिला पुलिसकर्मी की तैनाती को प्राथमिकता का निर्देश दिया है। हर केंद्र पर अधिकमत 20 महिला/पुरुष पुलिसकर्मी व दो महिला होमगार्ड तैनात होंगी।
मिशन शक्ति केंद्र में कर्मियों को कम से कम तीन से पांच वर्ष की अवधि के लिए नियुक्त किया जायेगा। केंद्रों पर प्रशिक्षित कर्मियों की तैनाती होगी। नोडल अधिकारी भविष्य के लिए नए कर्मियों को लगातार प्रशिक्षित करायेंगे।
थाना प्रभारी केंद्र के लिए थाने में ही एक कक्ष, कंप्यूटर, आवश्यक अभिलेख, स्टेशनरी, महिलाओं के लिए शौचालय की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कराएंगे। केंद्र प्रभारी महिला हेल्प डेस्क, एंटी रोमियो स्क्वाड व महिला बीट योजना का संचालक करेंगे।
केंद्र पर महिलाओं के विरूद्ध अपराधों से जुड़ी सभी एफआइआर व आरोपितों के विरुद्ध हुई कार्रवाई का पूरा रिकार्ड रखा जाएगा और उनके समयबद्ध निस्तारण के लिए विवेचनाओं की मानीटिरिंग की जाएगी। थाना पर आने वाली हर पीड़ित महिला की संपूर्ण सहायता की जाएगी।
प्रभारी मिशन शक्ति केंद्र इस सेल की कार्यकारी मुखिया होगी और उसके समग्र संचालन, प्रबंधन व मासिक कार्ययोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदारी होगी। केंद्र प्रभारी थानाध्यक्ष के नियंत्रण में काम करेंगी।
डीजीपी ने कहा है कि महिला व बाल सुरक्षा संगठन केंद्र पर नियुक्त कर्मियों के प्रशिक्षित की सामग्री तैयार कर उसे भारत सरकार के आइजीओटी कर्मयोगी पोर्टल पर उपलब्ध कराएगा।
नोडल अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि एक माह के भीतर जिले में सभी मिशन शक्ति केंद्र में नियुक्त सभी पुलिसकर्मी पोर्टल पर प्रशिक्षण प्राप्त कर अपना प्रमाणपत्र अनिवार्य रूप से प्राप्त कर लें। इनके लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों की योजना तैयार कर उसके प्रभावी कियान्वयन का निर्देश भी दिया है।
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