Mission Shakti 5.0: मंच पर एक साथ उतरीं 68 हजार बालिकाएं, सामाजिक बुराइयों पर किया प्रहार
Mission Shakti 5.0बाल श्रम पर आधारित नाटकों ने बताया कि शिक्षा से वंचित बचपन केवल परिवार ही नहीं बल्कि पूरे समाज और राष्ट्र के लिए गंभीर चुनौती है। कार्यक्रम के दौरान बालिकाओं ने संवाद कौशल टीमवर्क और नेतृत्व का परिचय दिया। अभिनय में बालिकाओं का आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता साफ झलकी।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: प्रदेश के 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) की करीब 68,000 बालिकाएं रविवार को एक साथ मंच पर उतरीं और नुक्कड़ नाटक के जरिये समाज को जागरूक करने का सशक्त संदेश दिया। मिशन शक्ति 5.0 के तहत आयोजित इस अनूठे कार्यक्रम में दहेज, बाल विवाह और बाल श्रम जैसी कुरीतियों को केंद्र में रखकर प्रस्तुतियां दी गईं। अभिनय में बालिकाओं का आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता साफ झलकी।
मिशन शक्ति के तहत नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से बालिकाओं ने स्पष्ट किया कि दहेज बेटी के सम्मान को नहीं बढ़ाता, उसकी असली पहचान शिक्षा और योग्यता से है। बाल विवाह पर प्रस्तुतियों में संदेश दिया गया कि यह कानूनन अपराध है और नाबालिग लड़कियों के भविष्य के लिए सबसे बड़ी बाधा भी।
वहीं, बाल श्रम पर आधारित नाटकों ने बताया कि शिक्षा से वंचित बचपन केवल परिवार ही नहीं बल्कि पूरे समाज और राष्ट्र के लिए गंभीर चुनौती है। कार्यक्रम के दौरान बालिकाओं ने संवाद कौशल, टीमवर्क और नेतृत्व का परिचय दिया। पुलिस, शिक्षकों और स्थानीय समुदाय की भागीदारी से बालिकाओं में सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना भी मजबूत हुई।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिका रानी ने कहा कि बालिकाएं ही समाज में बदलाव की असली प्रेरणा हैं। जब बेटियां शिक्षा और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ती हैं तो केवल उनका भविष्य नहीं बल्कि पूरा समाज और राष्ट्र भी प्रगति की ओर बढ़ता है।
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