बेटियों ने सीखी बैंकिंग और डिजिटल सेवाओं की बारीकियां, मिशन शक्ति बना सशक्तिकरण का आधार
मिशन शक्ति अभियान के तहत उत्तर प्रदेश में 1.91 लाख छात्राओं ने बैंकों का भ्रमण किया। कक्षा 6 से 8 तक की बालिकाओं को बैंकिंग प्रणाली वित्तीय सेवाओं और डिजिटल बैंकिंग की जानकारी दी गई। छात्राओं को खाता खोलने पासबुक चेकबुक और एटीएम कार्ड के उपयोग के बारे में बताया गया। बचत और निवेश योजनाओं पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। इस पहल का उद्देश्य बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाना है।

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन के लिए चल रहे ‘मिशन शक्ति’ विशेष अभियान वर्ष 2025-26 के पांचवे चरण ने गुरुवार को एक नया इतिहास रचा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 20 सितम्बर को शुभारम्भ किए गए इस चरण के अंतर्गत गुरुवार को प्रदेशभर के परिषदीय और कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की कक्षा 6 से 8 की कुल 1.91 लाख बालिकाओं ने अपने-अपने क्षेत्रों की विभिन्न बैंक शाखाओं का भ्रमण किया।
बता दें कि यह कार्यक्रम केवल एक भ्रमण नहीं रहा, बल्कि भविष्य की आत्मनिर्भर नारी शक्ति की सशक्त नींव रही, जहां छात्राओं को बैंकिंग व्यवस्था, वित्तीय सेवाओं और डिजिटल बैंकिंग की बारीकियों से रूबरू कराया गया। ज्ञातव्य हो कि इस भ्रमण का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को बचत, बैंकिंग प्रक्रिया और डिजिटल सेवाओं से परिचित कराना था। छात्राओं को खाता खोलने की प्रक्रिया, पासबुक, चेकबुक और एटीएम कार्ड के उपयोग की जानकारी दी गई। साथ ही जमा-निकासी पर्ची भरने की विधि, मोबाइल बैंकिंग, यूपीआई और इंटरनेट बैंकिंग जैसी डिजिटल सेवाओं का भी प्रत्यक्ष अनुभव कराया गया।
बचत और निवेश योजनाओं पर रहा फोकस
इस दौरान बचत और निवेश योजनाओं पर विशेष जोर दिया गया, जिससे छात्राएं समझ सकें कि छोटी-छोटी बचत भविष्य में बड़े लाभ का आधार बन सकती है। बैंक अधिकारियों ने उन्हें फिक्स्ड डिपॉजिट और आवर्ती जमा जैसी बुनियादी निवेश योजनाओं की जानकारी दी। इसके साथ ही वित्तीय सुरक्षा और ऑनलाइन सतर्कता के उपाय भी समझाए गए, ताकि वे सुरक्षित तरीके से लेन-देन कर सकें।
बेटियों में दिखा उत्साह, प्रश्न पूछ शान्त करती रहीं जिज्ञासाएं
बैंक भ्रमण के दौरान बालिकाओं में गजब का उत्साह देखा गया। बैंक की शाखाओं में पहुंची बालिकाएं, बैंक अधिकारियों के साथ संवाद कर अपनी जिज्ञासाएं शान्त करती नजर आई। छात्राओं ने उनसे उत्साहपूर्वक प्रश्न पूछे। बैंक अधिकारियीं ने भी उनके प्रश्नों का उत्तर सरल भाषा में दिया। इस अनुभव ने न केवल उनके ज्ञान को समृद्ध किया बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ाया।
बैंक भ्रमण के दौरान सीखा
- बचत खाता खोलने की प्रक्रिया क्या है और इसमें कौन-कौन से दस्तावेज लगते हैं।
- पासबुक, चेकबुक और एटीएम कार्ड का उपयोग किस तरह से किया जाता है।
- जमा और निकासी की पर्ची कैसे भरी जाती है और बैंकिंग लेन-देन की प्रणाली कैसे चलती है।
- मोबाइल बैंकिंग, यूपीआई और इंटरनेट बैंकिंग जैसी डिजिटल सेवाएं कैसे काम करती हैं।
- बचत और निवेश योजनाओं का महत्व और उनका दीर्घकालिक लाभ क्या है?
- ऑनलाइन धोखाधड़ी और एटीएम सुरक्षा से संबंधित सावधानियां क्यों जरूरी हैं।
नवरात्रि के पावन दिनों में 1.91 लाख बालिकाओं का बैंक भ्रमण के आयोजनन को केवल एक गतिविधि के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। यह आने वाले कल की आर्थिक महिला सशक्तिकरण यात्रा की नींव है। मिशन शक्ति का उद्देश्य बेटियों को ज्ञान के साथ-साथ आत्मनिर्भरता की शक्ति देना है और यह पहल उसी दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
मोनिका रानी, महानिदेशक, स्कूल शिक्षा
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