मिशन कर्मयोगी प्रशिक्षण से बढ़ रही कार्यकुशलता, अब तक 4900 अधिकारी-कर्मचारियों व शिक्षकों ने कराया पंजीकरण
मिशन कर्मयोगी प्रशिक्षण सरकारी कर्मचारियों की कार्यकुशलता बढ़ाने में सहायक है। अब तक 4900 से अधिक अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों ने पंजीकरण कराया है। प्रशिक्षण से कर्मचारियों की कार्यक्षमता में सुधार हुआ है और वे अपने कार्यों को बेहतर ढंग से कर पा रहे हैं। शिक्षकों की भागीदारी से शिक्षा के क्षेत्र में भी सुधार हो रहा है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। ई गवर्नेंस को बढ़ाने की कोशिशों के तहत चल रहे प्रशिक्षण से समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों आदि की कार्यकुशलता में वृद्धि हो रही है। वे मिशन कर्मयोगी के डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से अलग-अलग प्रशिक्षण ले रहे हैं। अब तक इस प्लेटफार्म पर 3900 पंजीकरण हो चुके हैं।
मिशन कर्मयोगी के प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में ‘योगा ब्रेक एट वर्कप्लेस’, कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम अधिनियम 2013, सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जेम) पोर्टल पर खरीद प्रक्रिया, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, कृत्रिम बुद्धिमत्ता की मूल बातें और सूचना का अधिकार अधिनियम आदि शामिल हैं। विभाग के आंकड़ों के अनुसार सितंबर तक डिजिटल पोर्टल पर पंजीकृत अधिकारी, नियमित-संविदाकर्मी व शिक्षकों ने 21,
150 आनलाइन कोर्स पूरे किए हैं, इनमें लगभग 15,893 घंटे का प्रशिक्षण शामिल है। इनमें से 2,289 कर्मचारियों ने तीन या उससे अधिक कोर्स पूरे किए हैं। वहीं 1,141 कर्मचारियों ने अभी प्रशिक्षण पूरा नहीं किया है।
समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि मिशन कर्मयोगी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की साझा सोच का परिणाम है, जिसका उद्देश्य सरकारी सेवाओं को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। विभाग इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

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