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    उत्तर प्रदेश में न्यूनतम 350 रुपये हो मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी, केशव प्रसाद माैर्य ने केंद्रीय मंत्री को दिए सुझाव

    Updated: Sat, 04 Jan 2025 06:06 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ वर्चुअल बैठक में महत्वपूर्ण सुझाव दिया कि मनरेगा श्रमिकों की न्यूनतम दैनिक मजदूरी 350 रुपये की जाए और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की आवास की लागत की धनराशि कम से कम दो लाख रुपये की जाए जिससे गरीब और वंचित वर्ग के लोगों को अधिक लाभ मिल सके।

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    न्यूनतम 350 रुपये हो प्रदेश में मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी: केशव

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ सभी राज्यों के ग्राम्य विकास विभाग के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में मनरेगा श्रमिकों की न्यूनतम दैनिक मजदूरी 350 रुपये करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ( ग्रामीण ) की आवास की लागत की धनराशि कम से कम दो लाख रुपये किया जाए।

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    उप मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के आवास में किचन यूनिट बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि इस योजना को पीएम सूर्य घर योजना से आच्छादित किया जाना चाहिए। 

    दैवी आपदा की स्थिति में प्रभावित लोगों के लिए भी हो आवास योजना

    केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के निर्माण के परिप्रेक्ष्य में 44 हजार राजमिस्त्रियों व 6.50 हजार रानी मिस्त्रियों को प्रशिक्षित किया गया है। प्रदेश में 36.57 लाख आवास आवंटित किए गए हैं, जिनमें 35.98 लाख पूर्ण हो गए हैं। 

    इस योजना में दैवी आपदा की स्थिति में प्रभावित लोगों के लिए पोर्टल खोला जाना चाहिए। मनरेगा में मानव दिवस सृजन, 100 दिन की मजदूरी, धनराशि के व्यय करने, मनरेगा में महिलाओं की सहभागिता जैसे कई बिंदुओं में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्यों में है। 

    प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के सर्वेक्षण में निर्धारित मानकों में रियायत

    उत्तर प्रदेश सघन आबादी वाला राज्य है, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के सर्वेक्षण में निर्धारित मानकों में कुछ रियायत की जरूरत है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सड़क की लंबाई कम से कम पांच किमी. होना निर्धारित है, जिसे उत्तर प्रदेश में कम किया जाना आवश्यक है। तमाम नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे, जिला व राज्य मार्गों से गांवों की कनेक्टिविटी के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में प्राविधान किया जाना चाहिए। 

    केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के समग्र विकास के बिना विकसित भारत नहीं बन सकता है। इसलिए हम सबको मिलकर ग्रामीण विकास पर विशेष रूप से फोकस करना है। गरीबी मुक्त गांव बनाने के लिए पूरी संकल्पबद्धता के साथ काम करना होगा। जिन ब्लाकों या गांवों में गरीबी ज्यादा हो, वहां पहले और प्राथमिकता के आधार पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। 

    वर्चुअल बैठक में प्रदेश से अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास विभाग हिमांशु कुमार, आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग जीएस प्रियदर्शी, यूपीआरआरडीए के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अखण्ड प्रताप सिंह, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।