मायावती ने भाजपा को दिया समर्थन, कहा- इससे नहीं रुकेंगे जनहित के कार्य, कांग्रेस को याद कराए पुराने दिन
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि उनकी पार्टी संसद में पेश किए जाने वाले एक देश एक चुनाव विधेयक का समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि एक चुनाव होने से विकास कार्य नहीं रुकेंगे और जनहित के कार्यों को भी चुनाव के चक्कर में नहीं रोकना पड़ेगा। साथ ही राजनीतिक दलों पर चुनाव के खर्च का बोझ कम पड़ेगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा है कि बसपा संसद में पेश किए जाने वाले ‘एक देश एक चुनाव’ विधेयक का समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि एक चुनाव होने से विकास कार्य नहीं रुकेंगे और जनहित के कार्यों को भी चुनाव के चक्कर में नहीं रोकना पड़ेगा। साथ ही राजनीतिक दलों पर चुनाव के खर्च का बोझ कम पड़ेगा। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि ‘एक देश एक चुनाव’ के मुद्दे पर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सोचना होगा।
कांग्रेस पर बोला तीखा हमला
रविवार को बसपा मुख्यालय लखनऊ में उन्होंने पत्रकारों से कहा कि डाॅ. भीमराव आंबेडकर जब कानून मंत्री थे तो उन्होंने देखा कि कांग्रेस संविधान के हिसाब से काम नहीं कर रही है तो उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को अपना इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस ने डॉ. आंबेडकर को संसद में बोलने नहीं दिया था तो उन्होंने मीडिया के सामने अपनी बात रखी थी।
उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से संविधान व आरक्षण की आड़ लेकर एससी/एसटी व पिछड़े वर्ग के लोगों के हितों को किनारे करके राजनीति की है। उन्होंने कहा कि संसद में संविधान पर चर्चा हो रही है, लेकिन कांग्रेस व भाजपा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं।
कांग्रेस के हथकंडों से सावधान रहें: मायावती
मायावती ने कहा कि संविधान की सार्थकता तभी पूरी होगी जब उसे खुले मन स्वीकार किया जाए। अगर यह संभव होता तो आज 80 लोगों को बेरोजगारी व मजबूरी के चलते सरकारी अनाज पर निर्भर न होना पड़ता। कांग्रेस ने बाबा साहेब को भारत रत्न भी नहीं दिया था। वीपी सिंह की सरकार ने उन्हें भारत रत्न की उपाधि दी थी। इसी प्रकार बसपा के संस्थापक कांशीराम की मृत्यु के बाद कांग्रेस ने एक दिन का राष्ट्रीय शोक भी घोषित नहीं किया था। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह कांग्रेस के हथकंडों से सावधान रहें।
सपा ने संविधान में संशोधन विधेयक को फाड़ा
मायावती ने कहा कि संसद में संविधान पर हो रही चर्चा की आड़ में राजनीतिक दलों ने आम लोगों के हितों के मुद्दों को दरकिनार कर दिया है। संविधान पर चर्चा को लेकर कांग्रेस व समाजवादी पार्टी चुप ही रहती तो बेहतर था। कहा कि सपा ने संविधान में संशोधन को लेकर लाए गए विधेयक को फाड़ दिया था। अब भाजपा भी इसे नहीं पास करना चाह रही है।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार अपने हितों व व्यक्ति विशेष के हितों के लिए संविधान में संशोधन करना चाहती है तो बसपा डटकर विरोध करेगी। उन्होंने मांग की है कि आरक्षण को प्रभावहीन बनाने से रोकने के लिए इसे नौंवी अनुसूची में डाल देना चाहिए।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।