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    'दलित-बहुजन की सच्ची हितैषी नहीं सपा', मायावती का तंज; Guest House Kand का जिक्र कर कह दी ये बात

    By Jagran NewsEdited By: Sakshi Gupta
    Updated: Sun, 20 Apr 2025 03:45 PM (IST)

    Mayawati Slams Akhilesh Yadav | बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा की पीडीए मुहिम पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा कभी भी दलित-बहुजन की सच्ची हितैषी नहीं हो सकती। उन्होंने गेस्ट हाउस कांड और पदोन्नति में आरक्षण बिल को फाड़ने जैसी घटनाओं का उल्लेख किया। मायावती ने सपा पर राजनीतिक स्वार्थ के लिए सर्वसमाज के भाईचारे को बिगाड़ने का आरोप लगाया है।

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    दलित-बहुजन की सच्ची हितैषी नहीं सपा: मायावती। (तस्वीर जागरण)

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सपा की पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (पीडीए) की मुहिम पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने निशाना साधा है। एक्स पर पोस्ट कर उन्हाेंने गेस्ट हाउस कांड, पदोन्नति में आरक्षण बिल को फाड़ने आदि घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि सपा कभी भी दलित-बहुजन की सच्ची हितैषी नहीं हो सकती है।

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    बसपा सुप्रीमो ने समाजवादी पार्टी पर अपने राजनीतिक स्वार्थ के सर्वसमाज के भाईचारे को बिगाड़ने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया है।

    रामजीलाल सुमन के घर गए थे अखिलेश

    राणा सांगा विवाद में राज्यसभा सदस्य रामजीलाल सुमन के घर हुए हमले के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव बीते शनिवार को आगरा में उनके आवास पर गए थे। वहां उन्होंने सामाजिक न्याय के राज की स्थापना की बात कही थी। इसके बाद रविवार को मायावती ने एक्स पर चार पोस्ट की।

    उन्होंने लिखा कि कांग्रेस, भाजपा आदि की तरह सपा के लिए बहुजन में से खासकर दलितों को इनका संवैधानिक हक देकर वास्तविक हित, कल्याण व उत्थान करना तो दूर की बात है, वह इनकी गरीबी, जातिवादी शोषण व अन्याय-अत्याचार आदि खत्म करने के प्रति भी कोई सहानुभूति या इच्छाशक्ति नहीं रखती है।

    मायावती ने एक्स पर किया पोस्ट

    पुरानी घटनाओं का उल्लेख करते हुए मायावती ने लिखा, ‘सपा द्वारा बसपा से विश्वासघात, उसके नेतृत्व पर दो जून को जानलेवा हमला, प्रमोशन में आरक्षण का बिल संसद में फाड़ना, इनके संतों, गुरुओं व महापुरुषों के सम्मान में बनाए गए नये जिले, पार्क, शिक्षण व मेडिकल कॉलेजों का नाम बदलना आदि ऐसे घोर जातिवादी कृत्य हैं, जिनको माफ करना असंभव है।’

    उन्होंने लिखा कि बसपा ने अपने प्रयासों से यहां जातिवादी व्यवस्था को खत्म करके समतामूलक समाज यानी सर्वसमाज में भाईचारा बनाने के अपने मिशन में काफी हद तक सफलता पाई थी, अब सपा अपने संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए उसे बिगाड़ने में हर प्रकार से लगी हुई है। इससे लोग सावधान रहें।

    कांग्रेस व भाजपा आदि की तरह ही सपा भी अपनी नीयत व नीति में खोट के कारण कभी भी दलित-बहुजन की सच्ची हितैषी नहीं हो सकती, परंतु इनके वोटों के स्वार्थ की खातिर लगातार छलावा करती रहेगी। जबकि बसपा 'बहुजन समाज' को शासक वर्ग बनाने को समर्पित व संघर्षरत है।

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