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    आकाश आनंंद के बसपा में वापसी पर उठे सवाल, अब बचाव में उतरीं मायावती; भाजपा-कांग्रेस पर साधा निशाना

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Pandey
    Updated: Mon, 28 Apr 2025 07:32 PM (IST)

    बसपा सुप्रीमो मायावती ने भतीजे आकाश आनंद की पार्टी में वापसी पर विपक्ष की आलोचना का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि बसपा में कार्यकर्ताओं का आना-जाना पार्टी और आंदोलन के हित में है व्यक्तिगत नहीं। मायावती ने विपक्षी दलों पर दोहरा मापदंड अपनाने और पार्टी की छवि खराब करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब विरोधी पार्टियां ऐसा करती हैं तो उसे पार्टी हित का मामला बताया जाता है।

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    बसपा नेता आकाश आनंद व मायावती (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। भतीजे आकाश आनंद को दोबारा पार्टी में वापस लेने पर विपक्षी दलों द्वारा की जा रही टिप्पणियों पर बसपा सुप्रीमो मायावती बचाव में उतर आई हैं। बसपा प्रमुख ने एक्स पर पोस्ट कर बिना आकाश का नाम लिए नेताओं की वापसी के मामलों के निजी न होने की सफाई दी।

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    मायावती ने विपक्षियों पर दोहरा मापदंड अपनाने की बात कहते हुए पार्टी की छवि खराब करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया है।

    परिवारवाद पर विपक्ष उठा रहा सवाल

    मायावती ने बीते मार्च में अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से निकाल दिया था, जबकि उससे पहले उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ को निष्कासित किया गया था। उस समय आकाश पार्टी के नेशनल कोआर्डिनेटर थे। निकाले जाने के बाद पिछले दिनों आकाश ने एक्स पर पोस्ट कर माफी मांगी थी, जिसके बाद बसपा प्रमुख ने उनको दोबारा पार्टी में लेने की घोषणा की थी। इसके बाद से विपक्षी दल परिवारवाद के कारण निर्णय लिए जाने के प्रश्न उठा रहे हैं।

    मायावती ने दिया जवाब

    सोमवार को मायावती ने इसके जवाब में एक्स पर चार पोस्ट कीं। उन्होंने लिखा, ‘बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर के आत्म-सम्मान के कारवां को सत्ता की मंजिल तक पहुंचाने के मिशन में तत्पर बसपा में कार्यरत लोगों के आने-जाने में कुछ भी निजी नहीं, बल्कि यह पार्टी व मूवमेंट के हित पर पूरी तरह निर्भर है।’

    उन्होंने आकाश का जिक्र किए बिना निष्कासन और वापसी पर सफाई देते हुए लिखा, ‘विरोधी पार्टियों के षड्यंत्र के तहत कुछ लोग बहकावे में आकर जब अपनी खुद की पार्टी को कमजोर करने में लग जाते हैं या फिर अनुशासनहीनता अपनाते हैं व परिपक्वता के साथ कार्य नहीं करते हैं, तब उन्हें मजबूरी में निकालना पड़ता है। किंतु गलती का अहसास करने के बाद जब उन्हें पार्टी में वापस ले लिया जाता है तब फिर कांग्रेस, भाजपा व अन्य विरोधी पार्टियां इसे आया राम-गया राम की संज्ञा देकर पार्टी की छवि को धूमिल करने की पूरी कोशिश करती हैं।’

    बसपा प्रमुख ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए लिखा है कि जब यही कार्य विरोधी पार्टियां करती हैं, तब उसे वे पार्टी हित का मामला कहकर टाल देती हैं। यह सब इनका दोहरा मापदंड नहीं है तो और क्या है? पार्टी के लोग इनसे सतर्क रहें।

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