कांशीराम स्मारक पर मायावती और अखिलेश में जुबानी जंग, एक दूसरे पर लगाए गंभीर आरोप
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा पर कांशीराम स्मारक की उपेक्षा का आरोप लगाया और भाजपा सरकार को देखभाल के लिए धन्यवाद दिया। अखिलेश यादव ने मायावती पर भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाया और स्मारक की उपेक्षा के आरोपों को खारिज किया। दोनों नेताओं के बीच कांशीराम परिनिर्वाण दिवस पर जमकर टकराव हुआ।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बसपा के संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर पार्टी सुप्रीमो मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव में बयानों का का टकराव हुआ। मायावती ने सपा सरकार में कांशीराम व उनके स्मारक की उपेक्षा का आरोप लगाकर हमला बोला और दोगला करार दिया।
इसके जवाब में अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि मायावती की भाजपा के साथ अंदरूनी सांठगांठ जारी है। स्मारक की उपेक्षा का आरोप खारिज करते हुए दावा किया कि सपा द्वारा ही इटावा से कांशीराम को जीत दिलाई गई थी।
कांशीराम परिनिर्वाण दिवस पर बसपा ने जहां राज्य स्तरीय आयोजन किया, वहीं सपा ने अपने सभी कार्यालयों पर श्रद्धांजलि सभा की। इसे लेकर दोनों दलों के बीच पहले से बयानबाजी चल रही है।
गुरुवार को अपने आयोजन में मायावती ने कहा कि जिस कांशीराम स्मारक स्थल यह कार्यक्रम हो रहा है, उसकी देखभाल कराने के लिए हम भाजपा सरकार के आभारी हैं। हमारे लिखित अनुरोध पर उन्होंने स्मारक की टिकट से हुई आय को इस काम में खर्च किया। यह व्यवस्था हमने अपनी सरकार में बनाई थी, परंतु सपा ने टिकटों से मिले सारे पैसे दबा लिए और स्मारक पर एक रुपया भी खर्च नहीं किया था। अब वह कांशीराम जी के सम्मान के नाम पर दिखावा कर रही है।
वहीं सपा मुख्यालय पर हुई पत्रकार वार्ता में अखिलेश ने कहा कि मायावती कुछ भी बोलें, लेकिन सपा सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ती रहेगी। जब वे मुख्यमंत्री थे तो लखनऊ विकास प्राधिकरण को निर्देश दिया था कि लखनऊ में बने कांशीराम स्मारक की देखभाल करें। वहां पर लगे खजूर के पेड़ सूख गए थे तो हमने क्रोशिया सहित कई अन्य प्रजाति के पेड़ लगवाए थे।
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