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    मौलाना तौकीर रजा पर फर्रुखाबाद के फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में सख्त निगरानी, NSA के अंतर्गत हो सकती है कार्रवाई

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 01:04 PM (IST)

    IMC Chief Maulana Tauqueer Raza Khan इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां को वर्ष के 2010 के बरेली दंगों में भी जेल भेजा गया था। बरेलवी संप्रदाय के संस्थापक अहमद रजा खां के वंशज मौलाना को पहले बरेली से बाहर के जेल में रखने योजना थी। सुरक्षा की दृष्टि से मौलाना को सेंट्रल जेल में रखने का निर्णय लिया गया।

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    फतेहगढ़ सेंट्रल जेल -मौलाना तौकीर रजा खां

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: बरेली में ‘आई लव मोहम्मद’ के समर्थन में हुए बवाल के मुख्य आरोपित मौलाना तौकीर रजा खां को बरेली में गिरफ्तार करने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में फर्रुखाबाद के फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में रखा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के त्यौहारों के दौरान माहौल बिगाड़ने के प्रयास पर तेवर सख्त देखते हुए मौलाना तौकीर रजा को हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है और ‍उस पर सख्त निगरानी रखी जा रही है।

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    गृह विभाग के अधिकारी फतेहगढ़ सेंट्रल जेल का पल-पल की खबर ले रहे हैं और जेल के आसपास भी सख्त पहरा है। इसके साथ ही हाई सिक्योरिटी बैरक की निगरानी बढ़ा दी गई है और सीसी कैमरों से भी नजर रखी जा रही है। पुलिस ने भी संवेदनशील क्षेत्रों में फ्लैग मार्च कर कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। इससे पहले करागार प्रशासन एवं सुधार विभाग के संयुक्त सचिव शिव गोपाल सिंह के आदेश से बरेली से कड़ी सुरक्षा के बीच मौलाना को प्रशासनिक आधार पर वज्र वाहन से फतेहगढ़ लाया गया। यहां पर शाम करीब चार बजे वज्र वाहन को बाहर न रोक कर सीधे सेंट्रल जेल के अंदर ले जाया गया।

    इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां को वर्ष के 2010 के बरेली दंगों में भी जेल भेजा गया था। बरेलवी संप्रदाय के संस्थापक अहमद रजा खां के वंशज मौलाना को पहले बरेली से बाहर के जेल में रखने योजना थी। सुरक्षा की दृष्टि से मौलाना को सेंट्रल जेल में रखने का निर्णय लिया गया।

    मौलाना पर हो सकती है रासुका की कार्रवाई

    बरेली में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद बवाल कराने के मुख्य आरोपित मौलाना तौकीर रजा सहित आठ आरोपियों को पुलिस ने शनिवार तड़के गिरफ्तार कर लिया। उपद्रवियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प में 22 पुलिस वाले घायल हो गए थे। सभी मामलों की जांच के लिए विशेष जांच कमेटी (एसआईटी) का गठन किया जा रहा है। मौलाना और अन्य आरोपियों पर रासुका भी लगाया जा सकता है। मौलाना के विरुद्ध अब तक 17 मुकदमे पंजीकृत हो चुके हैं। पुलिस के अनुसार किसी की भी हिस्ट्रीशीट खुलने के लिए इतने मुकदमे काफी हैं। पुलिस ने अब मौलाना के विरुद्ध गुंडा एक्ट के अलावा गैंग्स्टर की कार्रवाई के साथ ही उसकी हिस्ट्रीशीट खोलने की भी तैयारी शुरू कर दी है। इसके बाद मौलाना कभी भी कोई भड़काऊ बयान देने की स्थिति में नहीं रहेगा।

    मौलाना तौकीर रजा का लंबा आपराधिक इतिहास, 17 मुकदमे

    मौलाना तौकीर रजा खां के खिलाफ पहले से ही दस मुकदमे दर्ज हैं। मौलाना बरेली में वर्ष 2010 के दंगे में भी आरोपी हैं। पुलिस अब उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाने के साथ मौलानी की हिस्ट्रीशीट खोलने की तैयारी कर रही है। मौलाना के विरुद्ध वर्ष 1982 से मुकदमे हुए थे। मौलाना तौकीर रजा के विरुद्ध सबसे पहले वर्ष 1982 में दंगा कराने की प्राथमिकी कोतवाली में पंजीकृत हुई। इसके बाद दूसरी प्राथमिकी 1987, तीसरी प्राथमिकी 1988, चौथी प्राथमिकी फिर दंगे की 1996 में पंजीकृत की गई। इसके बाद पांचवीं प्राथमिकी 2000, छठी प्राथमिकी 2007, सातवीं प्राथमिकी 2010 में प्रेमनगर थाने में दंगे की, आठवीं प्राथमिकी 2019 में कोतवाली में, नौ प्राथमिकी संभल में वर्ष 2020 में पंजीकृत की गई। इसके बाद दसवीं प्राथमिकी वर्ष 2023 में फरीदपुर थाने में पंजीकृत की गई।