Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन के बयान पर भड़के मौलाना, कहा-वसीम रिजवी को गिरफ्तार करे सरकार

    By Anurag GuptaEdited By:
    Updated: Sat, 13 Mar 2021 06:18 PM (IST)

    शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में क़ुरआन की 26 आयतों को हटाए जाने को लेकर दाखिल की गई विवादित याचिका पर अब मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरुओं ने कड़े शब्दों में निंदा की है।

    Hero Image
    'कुरान की आयतें बदलने की याचिका पब्लिसिटी स्टंट'। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने जताई नाराजगी।

    लखनऊ, (राज्‍य ब्‍यूरो)। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी द्वारा कुरान की 26 आयतें हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दी गई याचिका को पब्लिसिटी स्टंट बताया है। बोर्ड के महासचिव मौलाना मोहम्मद वली रहमानी ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह याचिका राजनीतिक लाभ लेने के लिए दी गई है। उन्होंने कहा कि कुरान की किसी आयत में बदलाव के बारे में सोचना तो दूर इसके एक बि‍ंदु तक में संशोधन नहीं हो सकता है। आज तक जितने लोगों ने कुरान की आलोचना करने की कोशिश की है, उनको नाकाम होना पड़ा है ।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने कहा कि वसीम रिजवी की यह हरकत कोई नई नहीं है। ऐसी उल्टी-सीधी बातें वे इस्लाम, मुसलमानों एवं इस्लामी संस्कारों के बारे में करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के सभी वर्गों को इस मामले में शांति से काम लेना चाहिए। किसी भी प्रकार का विरोध प्रदर्शन, धरना या जुलूस न निकालें। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की न्यायिक टीम इस मामले को देख रही है। हमने अपना पक्ष कानूनी विशेषज्ञों से सलाह मशविरा कर तैयार कर लिया है। समय आने पर इसे सुप्रीम कोर्ट में रखा जाएगा। 

    ऐसी याचिकाओं से देश में फैलेगी अराजकता 

    शिया वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में क़ुरआन की 26 आयतों को हटाए जाने को लेकर दाखिल की गई विवादित याचिका पर अब मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरुओं ने कड़े शब्दों में निंदा की है। मजलिस ओलमा-ए-हिंद के महासचिव व वरिष्ठ शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने शिया व सुन्नी मुसलमानों से अपील की है कि सभी उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रदर्शन करें। मौलाना ने कहा कि वसीम रिज़वी का इस्लाम एवं शिया समुदाय से कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि यह चरमपंथी और मुस्लिम विरोधी संगठनों का एजेंट है।उसके इस बयान के खिलाफ सभी शिया एवं सुन्नी ओलमा और राजनीतिक व सामाजिक नेताओं को इसके विरोध में एकजुट होना चाहिए और सरकार से इसकी गिरफ्तारी की मांग की जानी चाहिए।

    वसीम रिज़वी अपने बयानों से साबित कर रहा है कि वह यज़ीद का वंशज है। एसे लोग शियों कों बुरा भला कहने का मौका देते है, पर याद रखना चाहिए कि शियों को बुरा भला कहने वाले और बुरा भला कहने का मौका देने वाले दोनों एक ही ताक़त के एजेंट हैं। मौलाना ने कहा कि हम इस संबंध में ईरान और इराक़ के मराजाए किराम एवं मुजतहिद हज़रात को एक पत्र लिखेंगे ताकि उनसे वसीम रिज़वी के इस बयान के संबंध में एक आदेश लिया जा सके। वसीम रिज़वी न तो मुसलमान है और न ही उसका शिया समुदाय से कोई लेना-देना है, बल्कि वह मुसलमान विरोधी ताकतों का एजेंट हैं। इमाम ईदगाह मौलाना मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि कुरआन शरीफ का एक शब्द शब्द नहीं निकाला जा सकता जो इस तरह की याचिका दायर कर रहा है उसे इस्लात का इल्म नहीं है।

    कुरआन शरीफ की हिफाजत का वादा खुद खुदा ने अपनी सच्ची किताब में किया है। सदियों गुजरने के बाद भी अभी उनके मूलरूप में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने उच्च न्यायलय ने ऐसी दायर याचिका को खारिज करने और उसके दायर करने वाले के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। मौनाला कल्बे सिब्तैन नूरी ने भी इस याचिका की निंदा कर वसीम रिजवी पर कार्रवाई की मांग की है। दारुल उलूम फरंगी महली के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि वसीम रिजवी का दिमागी संतुलन बिगड़ गया है। उन्हें इलाज की जरूरत है। कुरआन पाक पर दायर याचिका के चलते उनके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए। मौलाना जावेद हैदर ज़ैदी ने कि वह 26 आयतों की बात कर रहे हैं, कोई कुरआन से एक बिन्दु नहीं हटा सकता । यह अल्लाह की किताब है और वही इसकी रक्षा करेगा। क़ुरआन अमन और शांति का संदेश देती है।