यूपी में इस योजना का लाभ लेकर अपने गांव से जुड़ रहे प्रवासी, मंत्री ने कहा- विकास की दिशा में नई पहल
उत्तर प्रदेश में पंचायती राज विभाग द्वारा शुरू की गई मातृभूमि योजना प्रवासी भारतीयों और अन्य लोगों को अपने गांवों के विकास में योगदान करने का अवसर दे रही है। इस योजना के तहत, लोग प्रदेश सरकार के सहयोग से अपने गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विकास कर रहे हैं। सरकार परियोजना की लागत का 40% वहन करती है। मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने इसे जनसहभागिता से गांवों के विकास की दिशा में एक नई पहल बताया है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पंचायती राज विभाग द्वारा शुरू की गई मातृभूमि योजना से प्रवासी भारतीयों के साथ ही अपने पैतृक गांवों से दूर रह रहे अन्य लोग अब अपने गांवों में विकास के सारथी बनने लगे हैं। गांवों के विकास में ये लोग मिशाल कायम करने लगे हैं।
लोग अपने पैतृक गांव में प्रदेश सरकार के सहयोग से स्कूल, कला अकादमी, खेल परिसर, सीसी रोड, हाईमास्ट लाइट जैसे मूलभूत सुविधाओं को विकसित कराने लगे हैं। इस योजना के तहत व्यक्ति या संस्था को परियोजना की कुल लागत का 60 प्रतिशत धनराशि देना होता है जबकि 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार वहन करती है।
पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा है कि यह योजना जनसहभागिता से गांवों के विकास की दिशा में नई पहल है। विभाग इस योजना के संचालन और प्रगति की निगरानी में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। योजना के तहत 12 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। 24 परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं और 28 नए दानदाता सामने आए हैं।
इस परियोजना के तहत बागपत में सीसी रोड निर्माण, गोरखपुर की ग्राम पंचायतें जंगल रानी सुहास कुंवारी और नारायणपुर में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, हरदोई में सरदार पटेल स्मारक के लिए टीन शेड, लखनऊ की पंचायत खुशहालगंज में सोलर लाइटें, इटावा की जेतपुर जमनापार और पुरा मोरंग में स्ट्रीट लाइटें, उन्नाव की कलौन पंचायत में सोलर स्ट्रीट लाइटें, कासगंज के नगला कुंदन में इंटरलाकिंग सड़क, मथुरा के तरौली शुमाली में महाराणा प्रताप की प्रतिमा व चौराहे का सुंदरीकरण तथा देवरिया की मटियारा जगदीश पंचायत में भी सोलर लाइटें स्थापित की गई है।
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