Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हर साल बढ़ता जायेगा विवाह का पंजीकरण शुल्क

    By Ashish MishraEdited By:
    Updated: Sat, 26 Aug 2017 11:33 AM (IST)

    अब सभी वर्गों को विवाह का पंजीकरण कराना जरूरी होगा। मुस्लिम दंपतियों को निकाह का पंजीकरण कराना होगा। अभी तक उनके निकाह में फोटो नहीं लगा करती थी लेकिन, पंजीकरण में ऐसा करना अनिवार्य होगा।

    हर साल बढ़ता जायेगा विवाह का पंजीकरण शुल्क

    लखनऊ (जेएनएन)। सभी के लिए विवाह पंजीकरण अनिवार्य किए जाने के बाद राज्य सरकार ने इसका शुल्क भी बढ़ा दिया है। पहले शादी के बाद कभी भी रजिस्ट्रेशन कराने पर सिर्फ दस रुपये शुल्क लगता था लेकिन, अब साल गुजरने के साथ ही ज्यादा शुल्क देना होगा। विवाह की तारीख से एक साल के भीतर आवेदन करने पर तो मात्र दस रुपये ही शुल्क लगेगा लेकिन, उसके बाद जितने साल विलंब होगा, उतने ही पचास रुपये और शुल्क देना होगा। यानी दो साल विलंब होने पर सौ रुपये तो दस वर्ष बीतने पर पांच सौ रुपये शुल्क लगेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें


    उल्लेखनीय है कि कैबिनेट ने विवाह पंजीकरण अनिवार्य किए जाने के बाद इसकी जिम्मेदारी महिला एवं बाल कल्याण विभाग को सौंपी थी। इससे पहले हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि विवाह पंजीकरण सभी धर्म के लोगों के लिए अनिवार्य किया जाए। महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव रेणुका कुमार की ओर से जारी अधिसूचना में हिंदू शब्द हटाते हुए 'उत्तर प्रदेश विवाह पंजीकरण नियमावली-2017 कर दिया गया है। पहले इसे 'उत्तर प्रदेश हिंदू विवाह पंजीकरण नियमावली के रूप में जाना जाता था। अब सभी वर्गों को विवाह का पंजीकरण कराना जरूरी होगा। मुस्लिम दंपतियों को निकाह का पंजीकरण कराना होगा। अभी तक उनके निकाह में फोटो नहीं लगा करती थी लेकिन, पंजीकरण में ऐसा करना अनिवार्य होगा।

    विवाह पंजीकरण ऑनलाइन किया जा सकता है। इसके लिए पति और पत्नी दोनों को ही विवरण के साथ आवेदन पत्र भरकर अभिलेखों को स्टाम्प एवं निबंधन विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। खास यह है कि जहां विवाह के पक्षकारों के आधार कार्ड के साथ उनके मोबाइल नंबर जुड़े हैं, वहां सूचनाओं के सत्यापन के बाद विवाह पंजीकरण प्रमाणपत्र स्वत: ही ऑनलाइन जनरेट किया जा सकता है। घर बैठे इसका प्रिंट भी निकाल सकते हैं। मोबाइल नंबर के साथ आधार कार्ड न जुड़े होने पर पति-पत्नी दोनों को ही विवाह पंजीकरण अधिकारी के समक्ष उपस्थित होना होगा।
    प्रमुख सचिव ने स्पष्ट किया है कि इस नियमावली के बाद ऐसी शासकीय योजनाओं जिसमें वैवाहिक स्थिति की सूचना दिया जाना आवश्यक है, का लाभ तभी हासिल हो सकेगा, जब पंजीकरण हो चुका हो। विवाह पंजीकरण अधिकारी के फैसले के खिलाफ सहायक महानिरीक्षक निबंधन के यहां अपील दाखिल की जा सकेगी। लखनऊ के सहायक महानिरीक्षक निबंधन शिव कुमार त्रिपाठी ने बताया अब सभी धर्मों के व्यक्तियों का उप निबंधक कार्यालय में विवाद पंजीकरण किया जा रहा है। विभागीय वेबसाइट भी अपडेट की जा रही है। चूंकि वेबसाइट अभी पूरी तरह से अपडेट नहीं हो सकी है इसलिए विवाह पंजीकरण शुल्क उप निबंधक कार्यालय में काउंटर पर जमा करने की व्यवस्था की गई है।