लखनऊ में 15 एकड़ में बनेगा 'मैंगो पार्क', 108 प्रजातियों के 2000 से ज्यादा पौधे; डिजिटल म्यूजियम भी होगा
लखनऊ में 15 एकड़ में मैंगो पार्क बनेगा, जिसमें 108 प्रजातियों के 2,068 पौधे लगाए जाएंगे। अमृत 2.0 योजना के तहत, यह पार्क आम की विभिन्न किस्मों को प्रदर्शित करेगा और ज्ञान का केंद्र बनेगा। यहाँ 400 वर्गमीटर का एक डिजिटल म्यूजियम होगा, जिसमें 775 आम प्रजातियों की जानकारी मिलेगी। पार्क में मैंगो हाट, तालाब, म्यूरल और आधुनिक झूले भी होंगे, जिससे यह एक आकर्षक स्थल बनेगा।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। लंबे समय तक जमीन के विवाद में फंसे मैंगों पार्क को बनाने रास्ता अब साफ हो गया है। दरअसल नगर निगम ने इस योजना में कुछ ऐसी जमीन दे दी थी, जिसका मामला अदालत में लंबित था।
रायबरेली रोड पर किसान पथ के समीप कल्ली पश्चिम में 15 एकड़ में बनने वाले मैंगो पार्क में 108 प्रजातियों के 2,068 पौधे लगाए जाएंगे और डिजिटल म्यूजियम भी होगा।
पार्क बनाने की योजना का निरीक्षण करने गए नगर आयुक्त ने बताया कि अमृत 2.0 के तहत आम्रपाली, दशहरी, अंबिका, चौसा समेत कई किस्मों को आकर्षक ढंग से प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पार्क सिर्फ हरियाली का स्थान नहीं होगा, बल्कि आम पर आधारित ज्ञान और जागरुकता का केंद्र भी बनेगा।
उन्होंने बताया कि चार सौ वर्गमीटर का मैंगों म्यूजिय़म बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसमें देशभर में पाई जाने वाली आम की 775 प्रजातियों की जानकारी डिजिटल माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। पार्क आम को देखने, पहचानने और उसके स्वाद का आनंद लेने के साथ-साथ उसके इतिहास, वैज्ञानिक विशेषताओं और भौगोलिक विविधता को समझने का महत्वपूर्ण स्थल बनेगा।
इसके साथ ही पार्क में एक मैंगो हाट भी बनाया जाएगा, जहां आम और आम से बने उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री होगी।उद्यान विभाग और केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा का सहयोग लेने के साथ ही मैंगो कियोस्क लगाए जाएंगे।
इसी रह 1,930 वर्गमीटर में तालाब के निर्माण की योजना बनाई है, जिसमें वाटर लिली और कमल के पौधे लगाए जाएंगे। पार्क में चार मैंगो म्यूरल और एक ट्री म्यूरल भी बनेंगे, जो इसे एक कलात्मक पहचान प्रदान करेंगे। पार्क के भीतर के मार्गों का नाम भी विभिन्न आम की प्रजातियों पर रखा जाएगा।
मैंगो पार्क को बायोडाइवर्सिटी पार्क का दर्जा देने के लिए 18,828 अन्य प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे। बरगद, अमलतास, पीपल और गुलमोहर जैसे छायादार पौधे लगाए जा रहे हैं।
मियावाकी पद्धति के तहत आम, अमरूद, आंवला, जामुन, मौलश्री, शीशम, अशोक, करौंदा और नींबू सहित कुल 20 प्रजातियों के 1,260 पौधे लगाकर घना वन क्षेत्र तैयार किया जाएगा। पार्क में 17 आधुनिक झूले लगाए जाएंगे। पर्याप्त बेंचें भी लगाई जाएंगे, जिससे लोग पिकनिक भी बना सकें।

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