महाकुंभ के साथ अयोध्या-काशी में आस्था का जन सैलाब, रामनगरी की सीमाएं सील; काशी में गंगा आरती बंद
Mahakumbh 2025 महाकुंभ के साथ ही आस्था का जन समुद्र अयोध्या व काशी में भी पूरी वेग से हिलोर मार रहा है। दोनों धर्मनगरी श्रद्धालुओं से भर चुकी हैं। राम ...और पढ़ें

जागरण टीम, लखनऊ। प्रयागराज के महाकुंभ के साथ ही आस्था का जन समुद्र अयोध्या व काशी में भी पूरी वेग से हिलोर मार रहा है। जिधर देखो... सिर ही सिर। सड़कें-गलियां...हर तरफ जन ज्वार। अपार भीड़ के आगे व्यवस्थाएं पस्त पड़ रही हैं। दोनों धर्मनगरी श्रद्धालुओं से भर चुकी हैं। प्रमुख मार्ग ही नहीं, गलियां भी चोक हैं। रामनगरी को जोड़ने वाले सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को सील कर दिया गया।
काशी में भी भीड़ के कारण सभी घाटों पर गंगा आरती अगले निर्णय तक बंद कर दी गई है। गंगा जी के मंदिर में केवल सांकेतिक आरती होगी। काशी व अयोध्या में विद्यालय पहले ही 14 फरवरी तक बंद किए जा चुके हैं। विंध्याचल में श्रद्धालुओं का रेला देखते हुए मीरजापुर में भी 13 फरवरी तक विद्यालय बंद हैं।
उधर, महाकुंभ स्नान के बाद श्रद्धालुओं के चित्रकूट पहुंचने से वहां भी भीड़ का दबाव बढ़ रहा है। मेला क्षेत्र में प्रशासनिक और चिकित्सकीय वाहन को छोड़ अन्य सभी प्रकार के वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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बुधवार को माघ पूर्णिमा का स्नान होने के कारण श्रद्धालुओं के अयोध्या आने का क्रम सोमवार रात से ही प्रारंभ है। मंगलवार को दिन भर चारों तरफ से बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या आते देखे गए। इससे जहां प्रयागराज सहित अन्य राजमार्गों पर दिनभर जाम की स्थिति उत्पन्न होती रही, वहीं राम मंदिर तथा हनुमानगढ़ी में दर्शन से संबंधित व्यवस्थाएं छिन्न-भिन्न हो गईं। भीड़ प्रबंधन के लिए रामपथ को भले दर्शन मार्ग में बदल कर एकल कर दिया गया है, लेकिन भीड़ के आगे सारे प्रयास निरर्थक साबित हो जा रहे हैं।
बताया जा रहा कि लगभग छह-सात लाख श्रद्धालु अयोध्या पहुंच गए हैं। लखनऊ, सुलतानपुर, अंबेडकरनगर, बस्ती, गोंडा, रायबरेली राजमार्ग पर श्रद्धालुओं को रोका जा रहा है। जिले की सीमा रामसनेहीघाट पुल पर रुदौली व पटरंगा पुलिस वाहनों को दिनभर डायवर्ट करती रही। यहां पर अभी तक होल्डिंग एरिया नहीं बनाया गया है। इससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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काशी में श्रद्धालुओं का रेला कुछ इस तरह उमड़ा कि हाईवे से शहर तक की सड़कें भीड़ से भर गईं। इसमें माघ पूर्णिमा पर महाकुंभ अमृत अनुष्ठान के लिए जाने से पहले काशी में गंगा नहाने, काशी विश्वनाथ धाम में शीश नवाने वालों के साथ रविदास जयंती पर गुरु स्थली की रज माथे लगाने वाले भी हैं। जनज्वार के आगे लंबी-चौड़ी सड़कों का दायरा कम पड़ गया तो गलियां भी ठस गईं।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन के लिए दशाश्वमेध से गोदौलिया, मैदागिन होते मंदिर तक दोहरी कतार तो ललिता घाट तक भी गंगा का पाट खाली न रहा। श्रद्धालुओं के जन ज्वार के आगे व्यवस्था लचर साबित हो रही है। हर तरफ वाहनों की लंबी कतार रही। एक किलोमीटर की दूरी तय करने में दो घंटे तक का समय लग रहा था। उधर, विंध्याचल में मंगलवार को भी श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा रहा। अमरावती चौराहे से लेकर प्रयागराज हाईवे तक वाहनों का काफिला लगा रहा। वाहन धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे।
मऊ में लिच्छवी एक्सप्रेस पर पथराव, एसी कोच के शीशे टूटे
मऊ के मैरवा स्टेशन पर सीतामढ़ी से दिल्ली जा रही लिच्छवी एक्सप्रेस में भीड़ के कारण सवार न हो पाने के कारण नाराज यात्रियों ने पथराव कर दिया। एसी कोच के शीशे टूट गए। भीड़ के कारण यात्रियों ने एसी कोच का गेट लाक कर दिया था। इसके चलते टिकट होने के बावजूद यात्री ट्रेन में सवार नहीं हो सके थे। यात्रियों में तमाम श्रद्धालु शामिल थे।

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