Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में कैसी होगी सुरक्षा व्यवस्था, श्रद्धालुओं को कैसे संभालेगी पुलिस... DGP ने कर दिया खुलासा
2025 में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सात परतों में सुरक्षा प्रणाली लागू की जा रही है। मेला परिसर के अंदर चार परतों में सुरक्षा व्यवस्था होगी। एआई आधारित सीसीटीवी कैमरे ड्रोन और एंटी ड्रोन सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा। आपदा प्रबंधन के लिए 200 करोड़ रुपये के उपकरण खरीदे गए हैं। सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जा रही है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। डीजीपी प्रशांत कुमार ने सोमवार को बताया कि अगले वर्ष जनवरी में प्रयागराज में शुरू होने वाले महाकुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सात परतों में सुरक्षा प्रणाली लागू की जा रही है। अंतर्राष्ट्रीय, अंतर्राज्यीय व जिले में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं की जांच की जाएगी। मेला परिसर के अंदर चार परतों में सुरक्षा व्यवस्था लागू की जा रही है।
महाकुंभ मेला परिसर में सुरक्षा के लिए एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित सीसीटीवी कैमरों, ड्रोन व एंटी ड्रोन सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा। महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों के हवाले की जा रही है। सोमवार को पुलिस मुख्यालय में डीजीपी ने पत्रकारों से कहा कि महाकुंभ को लेकर कोरिडोर का भी निर्माण किया जा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को स्नान ध्यान करने में कोई परेशानी न उठानी पड़े।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए होगी कड़ी व्यवस्था
काशी की तरह ही चित्रकूट व अयोध्या में श्रीराम लला के मंदिर के साथ ही विंध्याचल में भी श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कारिडोर का निर्माण किया जा रहा है। आपदा से बचाव के लिए सरकार ने 200 करोड़ रुपये के उपकरण खरीदे हैं। साथ ही, आपदा मोचक बलों की तैनाती भी महाकुंभ में की जा रही है। फायर सर्विस का भी इंतजाम मौके पर किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर पुलिस की रहेगी पैनी नजर
उन्होंने बताया कि महाकुंभ व प्रदेश में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को अंजाम देने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों पर भी नजर रखी जा रही है। सोशल मीडिया के सभी माध्यमों पर पुलिस की पैनी नजर है। शिक्षण संस्थाओं के युवाओं को प्रशिक्षित करके डिजिटल वारियर्स के रूप में मेला परिसर में तैनात किया जाएगा। साथ ही मेला परिसर में सभी संबंधित विभागों के कैंप कार्यालय खोले जा रहे हैं।
इसके चलते जरूरत पड़ने पर मौके पर ही समस्या का समाधान हो सकेगा। उन्होंने बताया कि साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर हर जिले में साइबर थाना व साइबर डेस्क स्थापित की जा रही हैं। लोगों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक होना पड़ेगा। साथ ही तत्काल पुलिस को साइबर अपराध की सूचना देनी होगी, जिससे आसानी के साथ साइबर अपराधियों तक पहुंचा जा सके। पुलिस कर्मियों को साइबर अपराध रोकने के लिए विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रेस कान्फ्रेंस में एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश भी उपस्थित थे।
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