निजाम बदला तो बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी अब बांदा जेल शिफ्ट
जेल से ही मनमानी चलाने के आरोप मुख्तार पर लगते रहे हैं। कौमी एकता दल के समाजवादी पार्टी में विलय की बात शुरू होते ही कुछ माह पहले मुख्तार आगरा से लखनऊ जिला कारागार लाये गए थे।
लखनऊ (जेएनएन)। माफिया व बाहुबलियों के खिलाफ योगी सरकार की सख्ती भांपकर कारागार प्रशासन ने मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को परसों लखनऊ जिला कारागार से आगरा सेंट्रल जेल भेजने का आदेश तो जारी कर दिया लेकिन, सरकार को यह कदम रास नहीं आया। कल आगरा जेल भेजने का आदेश निरस्त करते हुए फिर उनकी जेल बदल दी गई। अब उन्हें बांदा जेल भेजने का फरमान जारी हुआ है। इसके साथ ही 27 अपराधियों की भी जेल बदली गई है।
जेल से ही मनमानी चलाने के आरोप मुख्तार पर लगते रहे हैं। कौमी एकता दल के समाजवादी पार्टी में विलय की बात शुरू होते ही कुछ माह पहले मुख्तार आगरा से लखनऊ जिला कारागार लाये गए थे। तबसे उनकी जेल बदलने की बात चल रही थी लेकिन, वह लखनऊ कारागार में ही जमे थे। भाजपा की सरकार बनने के साथ ही इसमें तेजी आयी और 16 मार्च को एडीजी जेल जीएल मीणा ने मुख्तार को लखनऊ से आगरा जेल भेजने की सिफारिश कर दी।
शासन से इस पर संस्तुति भी हो गई लेकिन, जब पुलिस के उच्चाधिकारियों ने यह बात शीर्ष स्तर पर पहुंचाई कि मुख्तार अंसारी का प्रभाव आगरा जेल में भी है और कई बंदी उनके शागिर्द हैं तो अचानक यह आदेश बदल दिया गया। अब उन्हें बांदा जेल भेजा जा रहा है। उधर, जेल से शपथ लेने को बुधवार को विधान भवन पहुंचे बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी ने अपनी हत्या की आशंका जताते हुए एक केंद्रीय मंत्री और ब्रजेश सिंह को कठघरे में खड़ा किया।
इसके अलावा बाराबंकी जेल से छह कैदियों को अन्यत्र जेल भेजने का आदेश हुआ है, जिनमें महेन्द्र मिश्रा को खीरी, राकेश उर्फ हनुमान पाण्डेय को उन्नाव, अजय कुमार सिंह को उन्नाव, अजय प्रताप सिंह को देवरिया, ज्ञानेश सिंह को मीरजापुर और बलराम सिंह को फतेहपुर भेजा गया है। मेरठ जेल से राकी को जिला कारागार सीतापुर, जिला कारागार मैनपुरी से जीतू को खीरी भेजा गया है। इसके पहले कारागार प्रशासन ने गोरखपुर जेल में बंद सात कैदियों को अन्यत्र भेजने का फरमान जारी किया है। कुल 27 बंदियों की जेल बदली गई है।
बांदा जेल में पहले से हैं मुख्तार के दो शूटर
मुख्तार अंसारी के दो शूटर पहले से ही मंडल कारागार में बंद हैं। जेल में करीब 671 बंदी की क्षमता है लेकिन, मौजूदा समय करीब 13 सौ बंदी हैं। उनमें भी करीब एक दर्जन शातिर व शूटर हैं। इनमें मुख्तार अंसारी के शूटर गोरा राय व मुन्ना बजरंगी का भाई आलम सिंह पहले से ही जेल में निरुद्ध हैं। जेल अधीक्षक हरिबख्स सिंह ने बताया कि इन दोनों शूटरों को सुविधाएं देने के नाम पर उन्हें कई बार गंभीर धमकी मिल चुकी है, जबकि स्वीकृत होने के बाद भी आज तक उन्हें सुरक्षा नहीं मिली है। ऐसे में यदि मुख्तार अंसारी जैसे कैदी को बांदा जेल में भेजा जा रहा है तो चौकसी और करनी पड़ेगी।
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