Shardiya Navratri 2021: कोरोना सुरमिर्दिनी के रूप में हुई मां भवानी की आराधना, धुनुचि आरती के साथ हुआ स्वागत
बंगाली समाज की ओर से आदि शक्ति मां भवानी को माइके में आने के रूप में पूजा किया जाता है। सोमवार को आगमन के साथ ही उनकी पूजा शुरू हो गई। धुनुचि आरती बोध ...और पढ़ें

लखनऊ, जागरण संवाददाता। बंगाली समाज की ओर से आदि शक्ति मां भवानी को माइके में आने के रूप में पूजा किया जाता है। सोमवार को आगमन के साथ ही उनकी पूजा शुरू हो गई। धुनुचि आरती, बोधन व भूमि पूजन के साथ मां की विधिवत स्थापना कर प्राण प्रतिष्ठा कराई गई। सभी पंडालों में सुबह से ही ढाकिए आ गए थे। कोरोना संक्रमण के प्रतिबंधों के चलते लोगों की संख्या कम रही। छावनी दुर्गा पूजा कमेटी की ओर से कोरोना सुरमर्दिनी के रूप में मां का का आह्वान किया गया। प्रवक्ता निहार डे ने बताया कि पूजन के साथ ही कोरोना के संहार का कटआउट भी लगा दिया गया है।
बादशाहनगर पूजा कमेटी की संयोजक सदस्य प्रिया सिन्हा ने बताया कि मां की माइके में आने पर मां का धुनुचि आरती के साथ स्वागत किया गया। सिंदूर खेला के साथ दशमी को उनकी विदाई होगी। प्रतिमा की स्थापना बादशाहनगर स्टेशन परिसर में बने हाल में की गई है। बंगाली क्लब के अध्यक्ष अरुण बनर्जी ने बताया कि प्रतिमा स्थापित होने के साथ ही आयोजन शुरू हो गया। ट्रांसगोमती नगर दुर्गा पूजा एवं दशहरा कमेटी के संयोजक तुहिन बनर्जी ने बताया कि अलीगंज के चंद्रशेखर पार्क के सामने पूजन के साथ प्रतिमा स्थापित कर दी गई। इंद्राणी मित्रा व इंद्राणी राय चौधरी के साथ ही धनंजय बनर्जी, तपस राय चौधरी व रोमी बनर्जी सहित कई लोगों ने पूजन में हिस्सा लिया।
सिंधी स्कूल में प्रतिबंधों के बीच हुआ पूजन
सिंधी स्कूल आलमबाग में विधि विधान से पूजन शुरू हो गया। संयोजक एसके दत्ता ने बताया कि बच्चों और बड़ों को मास्क के साथ आना होगा। केकेसी के सेवाग्राम कालोनी में स्थापित दुर्गा पूजा पंडाल में सुशांतो, अतुल व मदन की ढाक पर पीके घोष ने पूजन किया। शास्वत सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थान की ओर से विकास नगर में दुर्गा पंडाल में पूजन शुरू हो गया। कोरोना संक्रमण के चलते आयोजन छोटे स्तर पर होगा , लेकिन सामाजिक कार्य किए जाएंगे। संयोजक सुमित भौमिक ने बताया कि मां के नाम से नारी शक्ति की प्रतीक बालिकाओं को कमेटी की ओर से गोद लिया जाएगा। कमेटी हाल कानपुर रोड दुर्गा पूजा कमेटी की ओर से पूजन शुरू हो गया। पूजा कमेटी के संयोजक सदस्य आलोक मित्रा ने बताया कि हर दिन भोग नहीं बटेगा। इसके बदले विसर्जन के दिन वृद्धाश्रम में भंडारा लगाकर उन्हें भोजन कराया जाएगा। आशियाना दुर्गा पूजा कमेटी के संयोजक सदस्य बी घोष ने बताया कि मंदिर में कलश स्थापना की गई है। कारोना के चलते प्रतिमा के बजाय कलश की स्थापना की गई है। कपूरथला, भूतनाथ, राजाजीपुरम व गोमतीनगर के साथ ही निरालानगर के श्रीराम कृष्ण मठ में भी पूजन शुरू हो गया।
पंडालों में संधि पूजा 13 को: बंगाली समाज के आरएन बोस ने बताया कि संधि पूजा में पंडालों में स्थापित मां को श्रद्धालुओं ने 108 दीपक, 108 कमलपुष्प, 108 गुड़हल के पुष्प और 108 बेलपत्र अर्पित किए जाते हैं। अष्टमी तिथि और नवमी तिथि की संधि के 24-24 मिनट मिलाकर कुल 48 मिनट की संधि पूजा होती है। 13 अक्टूबर को होने वाली पूजा रात्रि 11:25 से 12:13 बजे के बीच होगी।

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