किसान सम्मान निधि पाने वाले सभी किसान बनेंगे एम-पैक्स सदस्य
- हर ब्लाक में

किसान सम्मान निधि पाने वाले सभी किसान बनेंगे एम-पैक्स सदस्य
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : प्रदेश में किसान सम्मान निधि पाने वाले किसानों को बिना किसी झंझट के बहुद्देशीय प्रारंभिक कृषि ऋण समितियों (एम-पैक्स) से खाद-बीज, कीटनाशक के साथ ही अन्य सेवाओं का लाभ मिलेगा। सहकारिता विभाग सम्मान निधि पाने वाले सभी किसानों को एम-पैक्स का सदस्य बनाने जा रहा है। सदस्य बनाने के लिए इन किसानों से विभागीय कर्मचारी संपर्क कर रहे हैं।
राज्य में मौजूदा समय में ग्रामीण क्षेत्रों में 8161 एम-पैक्स हैं। करीब एक करोड़ किसान इन एम-पैक्स के सदस्य हैं। विभाग ने अब एम-पैक्स की संख्या बढ़ाने के साथ ही अधिक से अधिक किसानों को सदस्य बनाने की योजना पर काम शुरू किया है। प्रदेश के सभी किसान एम-पैक्स का सदस्य बनें, इसके लिए सहकारिता विभाग ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभार्थी किसानों को सदस्य बनाए जाने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है।
सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर के मुताबिक हर ब्लाक में किसान सम्मान निधि पाने वाले किसानों की सूची तैयार की गई है। सूची के आधार पर सहकार सारथी, पैक्स सचिव और अन्य कर्मचारी इन किसानों से संपर्क कर रहे हैं। ऐसे किसानों से भी संपर्क किया जा रहा है जो एम-पैक्स से यूरिया और डीएपी लेते हैं लेकिन सदस्य नहीं हैं। एम-पैक्स के पुराने सदस्यों (वर्तमान में निष्क्रिय) को भी जोड़ने की मुहिम शुरू की गई है। मंत्री के मुताबिक प्रदेश के 2.5 करोड़ से अधिक किसानों में से लगभग 2.40 करोड़ किसान पीएम किसान सम्मान निधि पाते हैं। एम-पैक्स की सदस्यता लेने वाले नये किसानों को भी खाद, बीज, कीटनाशक के साथ ही पैक्स की अन्य सेवाएं जैसे जन सुविधा केंद्र, जन औषधि केंद्र, गोदामों में अनाज का भंडारण, आदि का लाभ प्राथमिकता के आधार पर दिया जाएगा।
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सदस्यता से जिला सहकारी बैंकों का कारोबार बढ़ा
प्रदेश में 12 सितंबर से एम-पैक्स सदस्यता अभियान शुरू किया गया है जो 12 अक्टूबर तक चलेगा। इस अभियान के तहत सदस्य बनने वाले किसानों का जिला सहकारी बैंकों में खाता खुलवाया जा रहा है ताकि इन किसानों को कम ब्याज पर कृषि ऋण के साथ ही बैकिंग की अन्य सुविधाएं दी जा सकें। अभियान के तहत 19 सितंबर तक 8561 खाते खुले, जिनमें से 3325 खाते एम-पैक्स के नये सदस्यों ने खुलवाए। नये खातों से बैंकों में 21.84 करोड़ रुपये जमा हुए।
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