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    Shubhanshu Shukla: अंतरिक्ष से लौटा लखनऊ का लाल, ऐतिहासिक सफलता पर सीएम योगी ने लिखा- Welcome back to Earth!

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 05:43 PM (IST)

    शुभांशु शुक्ला ने Axiom Mission 4 को सफलतापूर्वक पूरा करके देश का गौरव बढ़ाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनकी वापसी पर बधाई दी और इसे उत्तर प्रदेश के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताया। शुभांशु शुक्ला लखनऊ के मूल निवासी हैं और उन्होंने अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में भारत का नाम रोशन किया है। Axiom Space के इस मिशन में उन्होंने कई वैज्ञानिक प्रयोगों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

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    शुभांशु की वापसी पर सीएम योगी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, वेलकम बैक टू अर्थ

    डिजिटल डेस्क, लखनऊ। Axiom Space द्वारा संचालित Axiom Mission 4 (Ax-4) की ऐतिहासिक सफलता के साथ ही लखनऊ के लाल ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम की सफल वापसी पर पूरे देश में गर्व और उत्साह का माहौल है। अंतरिक्ष से लौटे भारतीय पायलट को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से बधाई दी और उनकी उपलब्धि को उत्तर प्रदेश और देश के लिए गौरव का क्षण बताया।

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    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संदेश में कहा, 'वेलकम बैक टू अर्थ! ऐतिहासिक Axiom Mission 4 को सकुशल संपन्न कर सफल वापसी पर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला व उनकी टीम को हार्दिक बधाई। आपकी उपलब्धि साहस, समर्पण और विज्ञान के प्रति संकल्प का गौरवपूर्ण प्रतीक है। आज हर भारतीय, विशेषकर उत्तर प्रदेश वासी गौरवान्वित है। भारत आपके स्वागत को उत्सुक है।"

    अंतरिक्ष मिशन से जुड़कर बढ़ाया देश का गौरव

    ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला लखनऊ के मूल निवासी हैं। वायुसेना में उनकी सेवाएं उत्कृष्ट रहीं, लेकिन अब उन्होंने अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में भी भारत का नाम रोशन किया है। Ax-4 मिशन में भागीदारी कर उन्होंने न केवल भारत, बल्कि उत्तर प्रदेश को भी गर्व से भर दिया है।

    Axiom Space की यह मिशन सीरीज़ वाणिज्यिक मानव अंतरिक्ष अभियानों का हिस्सा है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक, पायलट और प्रशिक्षित एस्ट्रोनॉट शामिल होते हैं। इस बार भारत से ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का चयन होना एक बड़ा मील का पत्थर माना गया।

    मिशन के दौरान टीम ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर कई वैज्ञानिक प्रयोगों और तकनीकी परीक्षणों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। भारत की ओर से इसमें तकनीकी कौशल और वैज्ञानिक सहभागिता की एक नई ऊंचाई देखी गई।